script22 नवम्बर से शुरु हो रहा है आलमी तब्लीगी इज्तिमा, जानिए इसका उद्देश्य | alami tablighi ijtima 2019 will start 22 nov know its goal | Patrika News
भोपाल

22 नवम्बर से शुरु हो रहा है आलमी तब्लीगी इज्तिमा, जानिए इसका उद्देश्य

इस बार 22 नवम्बर से शुरु हो रहा है चार दिवसीय आलमी तब्लीगी इज्तिमा 2019, यहां जानिए क्या है इसका उद्देश्य।

भोपालNov 18, 2019 / 04:11 pm

Faiz

aalami tablighi ijtima

22 नवम्बर से शुरु हो रहा है आलमी तब्लीगी इज्तिमा, जानिए इसका उद्देश्य

भोपाल/ पिछले 72 सालों से हर साल भोपाल में होता आ रहा आलमी तब्लीगी इज्तिमा इस बार 22 नवम्बर से शुरु होने जा रहा है। जो शहर से करीब 11 किलोमीटर दूर ईंट खेड़ी के घांसीपुरा में होगा। इज्तिमा प्रबंधन ने इस बार करीब 15 लाख लोगों के आने की उम्मीद जताई है, साथ ही इसी तर्ज पर तैयारी भी की जा रही है। इस बार से इज्तिमा चार दिवसीय होने जा रहा है, जिसका समापन 25 नवम्बर को होगा। जो शुक्रवार, शनिवार, रविवार और सोमवार को होगा।

 

पढ़ें ये खास खबर- 13 लोगों से हुई थी इज्तिमा की शुरुआत, इस बार 15 लाख लोगों के आने की उम्मीद, यहां जानिए सबकुछ

 

दिल्ली मरकज से आएंगे उलेमा (धर्म के जानकार)

हालांकि, ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब, इज्तिमा का आयोजन चार दिवसीय होगा। जो शुक्रवार की सुबह फज्र की नमाज से शुरु होकर सोमवार दोपहर जोहर की नमाज से पहले खत्म होगा। दिल्ली के हजरत निजाम उद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (मुख्यालय) से आने वाले उलेमा चार दिनों तक कुरआन के संदेश और रसूल अल्लाह मोहम्मद साहब की जीवनी और उनके द्वारा दी गई सीख पर तकरीर करेंगे।

आलमी तब्लिगी इज्तिमा का शाब्दिक अर्थ विश्वस्तरीय धार्मिक सम्मलेन होता है। पूरी दुनिया से इस्लाम के अनुयायी धर्म की शिक्षा हासिल करने यानी सीखने और सिखाने के लिए यहां आते हैं। इस दौरान धर्म के उलेमा कुरआन की शिक्षा, आदर्शों और नबी मोहम्मद साहब की जीवनी और उनके व्यवहार के मुताबिक जिंदगी गुजारने की सीख देते हैं। साथ ही, आयोजन के समापन पर हर साल यहां से लाखों लोग एक साथ अल्लाह से दुनियाभर में अमन-शांति की दुआ करते हैं।

 

पढ़ें ये खास खबर- बड़ा खुलासाः जो प्याज बाजार में बिक रही है 40 उसे 50 रुपये किलो में बेच रही है सरकार, देखें VIDEO

 

इनके सानिध्य में हुई थी इज्तिमा की शुरुआत

भोपाल में होने वाले इज्तिमा की शुरुआत 70 साल पहले देश को आजादी मिलने के अगले साल से हुई थी। शहर के पुराने लोगों के मुताबिक, तब्लीग के माध्यम से अल्लाह का संदेश इस्लाम के मानने वालों को पहुंचाने की शुरुआत मौलाना मिस्कीन साहब ने भोपाल की कदीमी (पुरानी) मस्जिद शकूर खां से की थी। इसी के साथ इज्तिमा का आयोजन शहर में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद ताज उल मसाजिद से शुरु किया गया। इसके बाद इज्तिमा की जिम्मेदारी मौलाना इमरान खां साहब और बड़े सईद मियां के पास रही। पिछले कई सालों से अब तक इज्तिमा प्रबंधन की जिम्मेदारी मौलवी मिस्बाह उद्दीन साहब, इक़बाल हफीज़ साहब आदि बुजुर्गों के कांधों पर है।

 

पढ़ें ये खास खबर- 97 सालों से इस गांव में नहीं बढ़ी जनसंख्या, पूरे विश्व के लिए बना मिसाल


अमीर साहब ने पहली साल ही कर दी थी ये भविष्यवाणी

ऐसा माना जाता है कि, उस समय 13 लोगों में से कुछ लोगों ने कहा था कि, हम सिर्फ 13 ही लोग तो हैं। ये आयोजन करने के लिए शहर की कोई भी छोटी मस्जिद चुनी जा सकती थी। लेकिन, इतने कम लोगों के आयोजन के लिए इतनी बड़ी मस्जिद चुनना ठीक नहीं। इसपर जमात के अमीर (अध्यक्ष) ने जवाब देते हुए कहा था कि, आज इस मस्जिद को इतना बड़ा माना जा रहा है, लेकिन एक समय ऐसा आएगा, जब एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाने वाली ताज-उल-मसाजिद भी छोटी पड़ जाएगी। जमात के अमीर साहब की ये बात 56 साल बाद ही सिद्ध हो गई। शहर की इतनी बड़ी मस्जिद और उसके आसपास के इलाके भी कम पड़ने लगे। बढ़ती भीड़ के कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्थाएं बिगड़ने लगीं। आखिरकार साल 2005 में इज्तेमा प्रबंधन ने आयोजन को वहां से हटाकर शहर से बाहर ईंट खेड़ी के खेतो में करने का निर्णय लिया। तब से लेकर आज तक बीते 14 सालों से हर साल यहीं ये आयोजन होता आ रहा है। जिस साल शहर की ताजुल मसाजिद से इज्तिमा को विस्थापित किया गया, उस साल इज्तिमा में दुनियाभर के करीब 7 लाख लोगों ने शिरकत की थी।

 

पढ़ें ये खास खबर- WhatsApp Alert: इन यूजर्स को हमेशा के लिए बैन करने जा रहा है व्हाट्सएप, हो जाएं सतर्क


पहले दिन होंगे सामूहिक निकाह

एक तरफ जहां दुनियाभर में शादी को इतना मुश्किल और खर्चीला काम बना लिया गया है। वहीं इस्लामिक संदेशों के अनुसार इसे बहुत आसान किया गया है। ताकि, गरीब से गरीब परिवार अपने बच्चों का आसानी से घर बसा सके। इसी तर्ज पर हर साल बिना किसी खर्च के फ्री में निकाह आयोजित किये जाते हैं। हर साल की तरह इस बार भी यहां सेकड़ों निकाह होंगे, जो शादियों में होने वाली फिजूल खर्ची के इस दौर में बिना किसी खर्च की शादी करके आसान और सादे निकाह का संदेश देंगे। इस बार इज्तिमा के पहले दिन 22 नवम्बर को असिर की नमाज के बाद सामूहिक निकाह भी होंगे। निकाह के रजिस्ट्रेशन के लिए इच्छुक लोग 20 नवंबर तक दारूल कजा से फॉर्म हासिल कर सकते हैं।

 

पढ़ें ये खास खबर- पैन कार्ड नहीं भी है तो ना करें चिंता वहां आपका आधार आएगा काम! बदले नियम


ये होगी इज्तिमा स्थल की व्यवस्था

Hindi News / Bhopal / 22 नवम्बर से शुरु हो रहा है आलमी तब्लीगी इज्तिमा, जानिए इसका उद्देश्य

ट्रेंडिंग वीडियो