इसके साथ ही एम्स में ट्रामा यूनिट की तैयारियां इजरायली संस्था माशाव की तर्ज पर की गई हैं। इसमें एफ-1 रेसिंग टीम की तरह प्रत्येक व्यक्ति को पता होता है कि कार आने पर उसे कहां खड़ा होना है और क्या काम करना है। इसी तर्ज पर एंबुलेंस आने पर ट्रामा टीम की भूमिका रहेगी। यह सिस्टम नर्सों को सशक्त कर डॉक्टरों के साथ तालमेल बढ़ाने के फॉर्मूले पर काम करता है।
एम्स प्रबंधन के मुताबिक टीम में दो चिकित्सकों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ शामिल किया है। टीम के सभी कर्मचारियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग दी जाएगी। तीन एएलएस एंबुलेंस भी रहेंगी। कॉल सेंटर भी तैयार हो रहा है, जिस पर फोन आने के बाद कर्मचारी डॉक्टर व एंबुलेंस ड्राइवर को जानकारी फॉरवर्ड करेगा। सात मिनट के भीतर एंबुलेंस मरीज के घर पहुंच कर उसे प्रथमिक उपचार देगी।
नई टीम में चार एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। जैसे ही एंबुलेंस आती है टीम काम शुरू कर देगी। फिलहाल यह एम्स परिसर और पास की कॉलोनियों में काम करेगी। इसके परिणामों को देखने के बाद दायरा बढ़ाया जाएगा।
डॉ. मनीषा श्रीवास्तव, अधीक्षक, एम्स अस्पताल