वहीं, मध्यप्रदेश में मिलावटी दूध के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, उसमें आधा दर्जन से ज्यादा जिलों से दूध के सैंपल लिए गए। सैंपलों में डिटरजेंट और यूरिया जैसे खतरनाक रसायन पाए गए हैं। आमतौर पर नकली दूध तैयार करने लिए मिलवाटखोर पहले कुछ हिस्सा असली दूध का लेते हैं। फिर उसमें कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड आयल मिलकर आग में डाला जाता है। दूध में मलाई आ जाए इसके लिए आरारोट डाला जाता है। वहीं, दूध को सफेद करने के लिए सफेद स्याही डाला जाता है।
अगर आप मिलावटी दूध पी रहे हैं तो इसका असर तुरंत नहीं होता है। दूध में कीटनाशक या केमिकल्स की मिलावट है या पैकेजिंग में गड़बड़ है तो इसका पूरे शरीर पर लंबे समय के लिए बुरा प्रभाव पड़ता है। इस तरह के मिलावटी दूध आप लगातार पीते रहते हैं तो आंत, लिवर या किडनी डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। वहीं, अगर अगर दस साल तक लगातार सेवन करते हैं तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की आशंका भी रहती है।
जरूरी नही हैं कि नकली दूध की पहचान के लिए लैब जाएं। आप घर बैठे कुछ आसान तरीकों से भी नकली दूध की पहचान कर सकते हैं। आइए हम आपको कुछ घरेलु उपाय बताते हैं, जिसके जरिए नकली दूध की पहचान कर सकते हैं।
2. वहीं, असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है।
3. इसके साथ असली दूध को उबालने पर रंग नहीं बदलता है। जब आप नकली दूध को उबालेंगे तो उसका रंग पीला जाता है।
4. असली दूध को आप जब स्टोर करेंगे तो उसके रंग में बदलाव नहीं होता है। जबकि नकली दूध कुछ देर बाद पीला होने लगता है। साथ ही दूध में पानी के मिलावट की पहचान के लिए दूध को एक काली सतह पर छोड़ें। अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर छूटे तो दूध असली है।
5. इसके साथ ही सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघें। अगर साबुन जैसे गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती।