इस फिल्म को शुक्रवार को मुंबई में आयोजित 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के आयोजन में बाहुबली (द कन्क्लूजन) को इंटरटेनर फिल्म ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया है।
पत्रिका से विशेष बातचीत में अल्पना ने इस पुरस्कार पर बेहद खुशी जाहिर की है। अल्पना ने कहा कि इस फिल्म में सभी डबिंग आर्टिस्ट ने दिनरात मेहनत की है। फिल्म को मिले पुरस्कार का श्रेय राजमौली, करणजौहर समेत सभी एक्टर और सभी डबिंग आर्टिस्ट को जाता है।
बाहुबली को हिन्दी में लाई एमपी की लड़की
एसएस राजमौली की फिल्म ‘बाहुबली: द बिगनिंग’ को भी हिंदी में विशेष रूप से पसंद किया गया था। यह बात कम लोग जानते हैं कि बाहुबली-1 और बाहुबली-2 का मध्यप्रदेश से सीधा कनेक्शन हैं। MP के रतलाम में पली-बढ़ी अल्पना उपाध्याय ही इस फिल्म को करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले हिन्दी में लेकर आई। वे बाहुबली-1 में डबिंग क्रिएटर रही है। इसके बाद बाहुबली-2 और संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत में भी डबिंग क्रिएटर हैं।
हिन्दी में ऐसे आई बाहुबली
बाहुबली को हिन्दी में लाने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। इस फिल्म के प्रोड्यूसर शोभु यरलगड्डा, करण जौहर और अल्पना एक पार्टी में मौजूद थे। यहां केक खाते हुए बात चल रही थी कि काफी समय से कोई बेहतरीन फिल्म नहीं आई, जो परिवार के साथ बैठकर देखी जा सके या जिसे देखने के लिए परिवार में बच्चे भी जीद करने लगे। इस पर अल्पना ने जो सुझाव दिया उससे सब अचंभित रह गए। अल्पना ने सुझाव दिया कि baahubali का हिंदी वर्जन लाना चाहिए। इसके बाद उसके सुझाव पर सभी सहमत हो गए और बाद कई भाषाओं में इस फिल्म को डब करके लाने की तैयारी होने लगी। जैसा की सभी जानते हैं हिन्दी में आई इस फिल्म ने दुनियाभर में धूम मचा दी थी।
अल्पना बताती हैं कि भले ही इस देश को हिन्दी भाषी कहा जाता हो, लेकिन इस फिल्म में तेलुगु से हिंदी में सही उच्चारण के लिए डब करने वाले कलाकारों की तलाश में चार माह लगे थे।।
तो रो देती थी मैं
अल्पना बताती हैं कि 8 से 10 घंटे लगातार डबिंग के बाद भी जब कोई कलाकार की आवाज को लेकर परेशानी आती थी, तो मुझे रोना आ जाता था। ऐसे में निर्देशक और प्रोड्यूसर हौसला बढ़ाते थे। इसे बाद फिल्म का दूसरा पार्ट भी इसी तरह संपन्न हुआ।
यह है रतलाम की अल्पना उपाध्याय
-मध्यप्रदेश के रतलाम में पली-बढ़ी अल्पना उपाध्याय।
-रतलाम के गुजराती समाज स्कूल से हुई पढ़ाई।
-स्कूल के बाद उन्होंने शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से बीएससी में ग्रेजुएशन किया।
-1982 में मुंबई में एमबीए करने गई और वहीं थियेटर से जुड़ गईं। इसके बाद बॉलीवुड में यह सिलसिला चल पड़ा।
MP के राज ने दी थी कटप्पा की आवाज
कटप्पा की आवाज बनने वाले राज ठक्कर मध्यप्रदेश के मालवा के हैं। राज अब तक स्पाइडर मैन-टू, अपरिचित और बैटमैन के लीड रोड सहित 113 फिल्मों में अपनी आवाज दे चुके हैं। मालवा मराठा में भी उन्होंने काम किया।
फिल्म की तारीफ की और दे दी डबिंग की सहमति
डबिंग के लिए ठक्कर से संपर्क किया तो स्थानीय स्तर पर बनने का पता चलने पर पहले उन्होंने फिल्म मंगवाई। इसके बाद तुरंत डबिंग की सहमति दे दी। डबिंग आर्टिस्ट समय ठक्कर का कहना है रतलाम (मालवा) के कलाकार वास्तव में कमाल के हैं। फिल्म देखकर डबिंग को तैयार हो गया। छोटे से शहर रतलाम में ऐसी फिल्म बनाना हैरान करने वाला है। निश्चित रूप से फिल्म हिट होगी।
(अल्पना अपने बेटे लव उपाध्याय के साथ। लव भी इंग्लिश मिमिक्री आर्टिस्ट हैं।) यह थे डबिंग आर्टिस्ट, जिन्होंने दी ऐतिहासिक आवाजें
-तमिल में बनी बाहुबली फिल्म के हीरो प्रभाष की आवाज हिन्दी में शरद केलकर ने दी है। शरद एक्टर, मॉडल, एंकर और एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट भी हैं। कई अंग्रेजी फिल्मों को हिन्दी में डब कर चुके हैं।
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