चार दिनों से बोरवेल में उल्टे फंसे प्रहलाद को बाहर निकलने और उसकी एक झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा थे। कई लोग आसपास के पेड़ों पर चढ़कर बच्चे को बाहर निकलता देखने के लिए बैठे थे। कई लोग टीवी पर निगाह लगाए हुए थे। मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही थी।
मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुख
मुझे अत्यंत दुःख है की निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए। एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़, और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3:00 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया।
नया बोरवेल बनाने के लिए 5 लाख देंगे
चौहान ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रहलाद के परिवार के साथ खड़ा है और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। सरकार द्वारा प्रहलाद के परिवार को 5 लाख का मुआवज़ा दिया जा रहा है, एवं उनके खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उन सभी से करबद्ध प्रार्थना करता हूँ कि जो भी अपने यहाँ बोरवेल बना रहे है, वो बोर को किसी भी समय खुला न छोड़ें। पहले भी ऐसे अकस्मात बहुत से मासूम अपने जीवन गंवा चूके है। आप सब भी कहीं अगर अपने आस-पास बोरवेल बन रहे हो तो उसे मज़बूती से ढँकने का प्रबंध करे और करवाएं।
ऐसे चला ऑपरेशन
इससे पहले, प्रहलाद को बचाने का काम चौथे दिन भी जारी रहा। शनिवार को भी आर्मी और एनडीआरएफ का दल खुदाई कार्य में लगा रहा। कलेक्टर आशीष भार्गव के मुताबिक बच्चा पिछले दो दिनों से कोई हलचल नहीं कर रहा है। इसलिए यह चिंता की बात है। फिर भी हमारी टीमें बच्चे के करीब पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
पृथ्वीपुर ब्लॉक के बारहो बुजुर्ग पंचायत के ग्राम सेतपुरा में एक बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे प्रहलाद कुशवाह बुधवार को सुबह 9.55 बजे खेलते-खेलते खुले पड़े बोरवेल में गिर गया था।
20 फीट लंबी बनाई सुरंग
200 फीट गहरे बोरवेल में बच्चा करीब 60 फीट पर फंसा हुआ था। बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदा गया, जिसके जरिए करीब 20 फीट लंबी सुरंग के जरिए बच्चे तक रेस्क्यू दल पहुंचा।
मंदिरों में हुए हवन-पूजन
बुधवार को जैसे ही 5 साल के बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर फैली, वैसे ही कई शहरों में बच्चों के लिए दुआओं का सिलसिला शुरू हो गया था। क्षेत्र में मंदिरों में हवन-पूजन का सिलसिला चौथे दिन भी जारी रहा। लोग पत्रिका के फेसबुक पेजों पर भी प्रहलाद की सलामती की दुआ करते रहे।
-बच्चे को लगातार आक्सीजन दी जाती रही।
-जिस दिन बच्चा बोरवेल में गिरा था, कुछ घंटों तक बच्चे की तरफ से आवाजें आ रही थीं।
-दूसरे दिन गुरुवार सुबह से बच्चे की आवाजें आना बंद हो गई।
-दूसरे दिन लखनऊ से भी एनडीआरएफ की विशेष टीम सेतपुरा गांव पहुंच गई थी।