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उज्जैन में तीन माह पहले एक साथ 14 लोग गवा चुके हैं जान, लेकिन…
प्रदेश में जहरीली शराब पीकर जान गवानें वालों के आंकड़ों पर गौर करें तो, प्रदेश में सिर्फ पिछले 9 माह में ही 42 लोगों की मौत हो चुकी है। एक तरफ तो जहरीली शराब पीकर इक्का-दुक्का लोगों की मौत अब आए दिन की बात बन चुकी है, जिसपर सरकारी तंत्र खामोश हैं। शराब के अवैध कारोबार को रोकने में अब तक प्रशासन नाकाम ही नजर आया है। तीन माह पहले भी यानी 15 अक्टूबर को प्रदेश के उज्जैन में जहरीली शराब पीने से एक साथ 14 लोग जान गवा चुके हैं, लेकिन प्रशासन तब भी कोई ठोस कदम नहीं उठा सका, जिसका खामियाजा अब भी लोगों को अपनी जान गवा कर भुगतना पड़ रहा है।
पिछले एक सप्ताह में फिर मामलों में आई तेजी
हालांकि, उज्जैन घटना के बाद प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सूबे में देसी शराब के अवैध कारखानों पर छापामारी की गई, जिसके बाद पिछले कुछ दिनों में जहरीली शराब से जान गवाने वालों के आंकड़े में कमी आई। लेकिन पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में जहरीली शराब से मरने और बीमार होने की कई घटनाओं में एक बार फिर अचानक से बढ़ोतरी हो गई। सरकार ने उज्जैन मे जहरीली शराब कांड में अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजोरा की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई थी। जांच के बाद उज्जैन के एसपी मनोज सिंह को हटा दिया गया था। साथ ही, जोन के सीएसपी रजनीश कश्यप को भी सस्पेंड किया गया था।
मुरैना घटना पर सीएम के आदेश
फिलहाल, मुरैना घटना को गंभीरता से लेते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थितियों को सीधे अपनी निगरानी में ले लिया है। साथ ही, बुधवार को अपने निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर जिले की जिम्मेदारी रखने वाले मुरैना कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजातिया को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही, एसडीओपी को भी निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा सीएम ने बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजोरा के साथ एडीजी स्तर के अधिकारियों की एक स्पेशल टीम गठित कर मामले की पूर्ण जांच करने के लिये मुरैना के लिये रवाना होने के निर्देश जारी कर दिये हैं।
ऐसे मामले में कलेक्टर और एसपी को ही दोषी माना जाएगा- सीएम
मुख्मयंत्री निवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सीएम शिवराज ने कहा कि, ‘मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुंचाने वाली है। मिलावट के विरुद्ध अभियान जारी है, फिर भी ऐसी घटना सामने आना दुखद है। आगे भी जिस जिले से ऐसे मामले सामने आएंगे, उनमें कलेक्टर और एसपी को दोषी माना जाएगा। ऐसी स्थिति में उनके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि, ‘मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता।’ बता दें कि, बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा शामिल हुए।
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9 माह में सामने आ चुकी हैं ये घटनाएं
-2 मई 2020 को मध्य प्रदेश के रतलाम के पचेड़ और भड़वासा गांव में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हुई थी।
-6 सितंबर 2020 को मध्य प्रदेश के दिवानिया गांव में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हुई थी।
-15 अक्टूबर 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में जहरीली शराब पीने से 14 मजदूरों की मौत हुई थी।
-7 जनवरी 2021 को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के देवली में भी जहरीली शराब पीकर 2 लोगों ने जान गवाई थी।
-इसके बाद 11 जनवरी 2021 से लेकर अब तक मुरैना में 20 लोग जान गवा चुके हैं। जबकि, 1 मृतक की बुआ अपने भतीजे की अचानक मौत के गम में मौत हो गई।
यहां पुलिस ने जब्त की 60 लीटर अवैध शराब- देखें video