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घटना छत्तीगढ़ के कोरबा में बुधवार सुबह हुई। इस घटना के बाद मध्यप्रदेश के नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है। प्यारेलाल कंवर के निधन के बाद कोरबा जिले के ग्राम भैसमा में उनके निवास पर मां मां जीवन बाई, बेटा हरीश कंवर, बहू सुमित्रा कंवर और पोती आशी कंवर रहते थे। जबकि हरीश के बड़े भाई हरभजन कंवर सुबह घूमने गए थे। बताया जा रहा है कि हरीश के बड़े भाई हरभजन कंवर सुबह परिवार के साथ टहलने के लिए हर दिन जाते हैं। बुधवार को भी वे घूमने गए थे। घर में मां जीवन बाई, हरीश और पत्नी सुमित्रा व पुत्री आशी रह गए। तभी अज्ञात हत्यारों ने धारदार हथियार से घटना को अंजाम दे दिया।
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मां पहुंची को धक्का देकर गिराया
बताया जा रहा है कि 82 वर्षीय मां जीवन बाई कंवर भी घर पर ही आवाज सुनकर पहुंची तो आरोपितों ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। जीवन बाई की आंखों की रोशनी चली गई है, इसलिए वह आरोपितों को देख नहीं पाई। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा कि अज्ञात हमलावर कंवर परिवार के जानने-पहचानने वाले हो सकते हैं।
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विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रहे कंवर
प्यारेलाल कंवर 6 अप्रैल 1984 से 10 मार्च 1985 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे। 1985 में पुनः विधायक बनने के बाद राज्यमंत्री वित्त एवं आदिमजाति कल्याण, 1993 में उपमुख्यमंत्री रहे। उस समय दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इधर, मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता एवं महासचिव सुनील शुक्ला ने कंवर परिवार की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया है।