रेलवे अधिकारियों के अनुसार ऐसी ट्रेनें, जो बैरागढ़ से होकर उज्जैन की ओर जाती हैं, उन्हें भोपाल आने, इंजन बदलने और यहां से वापस बैरागढ़ जाने में 40 से 50 मिनट खर्च हो जाते हैं। यदि इन ट्रेनों को सीधे बैरागढ़ से निकाल दिया जाए तो सैकड़ों यात्रियों का एक घंटे का समय बचाया जा सकता है।
12919 मालवा एक्सप्रेस
12920 मालवा एक्सप्रेस
14319 इंदौर बरेली एक्सप्रेस
14320 बरेली इंदौर एक्सप्रेस
19313 इंदौर राजेंद्रनगर एक्सप्रेस
19314 राजेंद्र नगर इंदौर एक्सप्रेस
19413 अहमदाबाद कोलकाता एक्सप्रेस
19414 कोलकाता अहमदाबाद एक्सप्रेस
22911 क्षिप्रा एक्सप्रेस
22919 क्षिप्रा एक्सप्रेस
यात्री बढऩे से बढ़ी परेशानी
भोपाल रेलवे स्टेशन पर लगातार ट्रेनों की संख्या और यात्री दबाव बढ़ा है। इसका परिणाम ट्रेनों की लेट लतीफी और सुविधाओं पर दबाव के रूप में आता है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस दबाव को कम किया जाए। यह तभी हो सकता है, जब हम शहर में भोपाल के अलावा भी टर्मिनल विकसित कर लें। इसमें हबीबगंज, बैरागढ़, निशातपुरा को भी टर्मिनल के रूप में शामिल किया जा रहा है।
शोभन चौधुरी, डीआरएम भोपाल रेल मंडल
दिल्ली-मुंबई रेल मांर्ग पर झांसी मंडल में रविवार को लिए गए मेगा ब्लॉक का असर राजधानी आने वाली ट्रेनों पर भी दिखाई दिया। कई ट्रेनें तीन घंटे तक देरी से भोपाल पहुंची। इनमें गाड़ी संख्या 12541 गोरखपुर एलटीटी सबसे अधिक तीन घंटे की देरी से आई। यह ब्लॉक सुबह से शाम के बीच कई चरणों में लिया गया।
ये ट्रेनें आईं देरी से
12722 दक्षिण एक्सप्रेस : 1.05 घंटा, 12486 श्रीगंगानगर नांदेड एक्सप्रेस : 45 मिनट, 11016 कुशीनगर एक्स.—: 2.50 घंटे, 12138 पंजाब मेल : 2.10 घंटे, 12716 सचखंड एक्स.: 2.05 घंटे, 18238 छत्तीसगढ़ एक्स. : 1.10 घंटे, 12622 तमिलनाडु एक्स. : 1.10 घंटे, 12541 गोरखपुर-एलटीटी : 3.00 घंटे, 12618 मंगला एक्सप्रेस : 45 मिनट, 12002 शताब्दी एक्सप्रेस : 23 मिनट।