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भोपाल

अंगदान की कमी : 6 साल में सिर्फ 13 कैडेवर डोनेशन ही हुए, रोजाना 17 लोग ऑर्गन डोनर्स की कमी से मर रहे

अंगदान की धीमी रफ्तार: ढाई सालों में अपनों के लिए 157 लोगों ने किडनी व लिवर दान किए।

भोपालNov 02, 2022 / 03:31 pm

Faiz

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अंगदान की कमी : 6 साल में सिर्फ 13 कैडेवर डोनेशन ही हुए, रोजाना 17 लोग ऑर्गन डोनर्स की कमी से मर रहे

शगुन मंगल

भोपाल. जिदंगियां बचाने के लिए अंगदान की जरूरत है। लेकिन, राजधानी भोपाल में पिछले छह सालों में सिर्फ 13 कैडेवर डोनेशन हुए। यानी 13 ऐसे ब्रेन डेड मरीज मिले जिनके अंग जरूरतमंदों को लगाए जा सके। लेकिन, मरीजों की लिस्ट काफी लंबी है। स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी सोटो की मुहिम भी लोगों को जागरुक करने में नाकाम रही है।

देश में जिस हिसाब से ब्रेन डेड होती है। उसके मुताबिक, हर 1000 में से 4 लोग पूरी बॉडी के ऑर्गन डोनेट कर सकते हैं। लेकिन, प्रति दस लाख लोगों पर एक से भी कम लोग अंगदान करते हैं। जबकि, देश में हर दिन 17 लोग ऑर्गन डॉनर्स की कमी की वजह से मर रहे हैं।

 

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जागरुकता की कमी बड़ा कारण

कोरोना काल के समय बंद हुए ऑर्गन डोनेशन अब एक बार फिर शुरू हो चुका है। लेकिन, रफ्तार अब भी वही है। राजधानी में अपनों के लिए तो कुछ लोग अंगदान कर रहे हैं। लेकिन, कैडेवर डोनेशन के लिए अभी आगे नहीं आ रहे। जागरूकता की कमी और भ्रांतियां बड़ा कारण है।


एक जीवन से 9 नई जिंदगियां संवारी

शहर के राजेश कोरान्ने ने 2017 में अपने 21 साल के बेटे की अचानक एक्सीडेंट से मृत्यु के बाद उसकी पूरी बॉडी डोनेट का फैसला लिया। ऐसा करने वाले वे भोपाल के पहले व्यक्ति थे। एक शरीर के दान से देश के 9 लोगों को जीवनदान मिला।

 

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धीमी रफ्तार का ये है कारण

भोपाल ऑर्गन डोनेशन सोसायटी के कांउसलर सुनील राय 8 सालों से आर्गन डोनेशन के लिए कांउसलिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि, अंगदान प्रोसेस को लेकर लोगों में मिथक हैं। उन्हें डर है कि, अस्पताल वाले बॉडी पार्ट्स कहीं बेच न दें। पूरी बॉडी कहीं खोल न दें। धार्मिक भ्रंतियां भी हैं। कई बार जब तक परिवार वाले तैयार होते हैं, तब तक ऑर्गन ही खराब हो जाते हैं।


5 लाख लोग मर जाते हैं डोनर नहीं मिलने के कारण

आंकड़ों के मुताबिक, भारत में प्रति वर्ष 1.8 लाख लोगों की किडनी फेल होती है, जबकि ट्रांसप्लांट के लिए सिर्फ 6000 किडनी ही उपलब्ध होती हैं। सालाना 2 लाख लोग लिवर डिसिज की वजह से मर जाते हैं। क्योंकि, डोनर नहीं मिलते हैं। 50 हजार का हार्ट फेल होता है। जबकि, 1 लाख से ज्यादा कॉर्निया की जरूरत है।

 

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दो तरह से अंग प्रत्यारोपण

लाइव डोनर-ऐसे मरीज जिनकी किडनी या लिवर खराब हो, उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अंगदान किया जाता है।


कैडेवर ऑर्गन डोनेशन

ब्रेन डेड मरीजों के अंग उनके स्वजनों की अनुमति के बाद जरूरतमंद लोगों को दिए जाते हैं। इसमें उनके शरीर से जरूरी अंग निकाल लिए जाते हैं।


अंगदान में भोपाल के आंकड़े

-लाइव आर्गन डोनेशन

अगस्त 2020 से -23 किडनी, 01 लिवर
2021-60 किडनी, 07 लिवर
2022-56 किडनी, 10 लिवर


-कैडेवर आर्गन डोनेशन

2017-07 किडनी, हार्ट, लंग्स, लिवर, आई
2018-02 किडनी, लिवर, आई
2019- 01 लिवर, किडनी, कोर्निया
2020 – 00
2021 – 00
2022 – 03 किडनी, लिवर, हार्ट, कोर्निया


देश में आर्गन ट्रांसप्लांट

2020 – 39,000
2021 – 12,259


क्या कहते हैं जिम्मेदार ?

हमीदिया अस्पताल की नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कविता कुमार का कहना है कि, मध्य प्रदेश के इंदौर में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना हुई है। इसके तहत मेडिकल स्टाफ को आर्गन डोनेशन से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे वो लोगों को सही समय पर जानकारी देकर जागरूक कर सकें।

 

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https://youtu.be/IVFovYvfpYs

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