आपको बता दें कि, प्रदेश के कई छात्रों और उनके परिजन की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर संचालित कई ग्रुप्स पर प्रश्नपत्र की बोली लगाई जा रही है। दावा ये भी है कि, 10वीं के गणित और 12वीं के बायो का पेपर परीक्षा केंद्र में बंटने से पहले ही लीक हो चुके थे। इससे पहले भी पेपर लीक की खबरें सामने आ चुकी है। बता दें कि, 14 मार्च को दसवीं का संस्कृत प्रश्नपत्र और बारहवीं का हिन्दी, अंग्रेजी और बायोलॉजी विषय के पेपर टेलीग्राम ऐप पर वायरल हुआ था। हालांकि, असली पेपर लीक होने की बात विभाग की ओर से नकार दी गई थी।
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कमलनाथ ने की सीएम शिवराज सें जांच कराने की मांग
इस संबंध में कमलनाथ ने व्यापाम और नर्सिंग घोटले के बाद पेपर लीक को लेकर चिंता का विषय बताया है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ये अत्यंत गंभीर मामला है और लाखों क्षात्रों का भविष्य इससे जुड़ा है। पहले ही व्यापम और नर्सिंग जैसे घोटालों से प्रदेश की परीक्षा प्रणाली संदिग्ध हो गई है, ऐसे में बोर्ड परीक्षा का पेपर भी लीक हो जाना चिंता का विषय है। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूँ कि, मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराएं और ऊंचे पदों पर बैठे वास्तविक ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करें।
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स्कूली शिक्षा मंत्री ने माना लीक हो रहा पेपर
वहीं, इस मामले पर स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि, पेपर लीक मामला सामने आया था। हमने पुलिस उपायुक्त को इसकी शिकायत कर दी है। कई महत्वपूर्ण तथ्य इसकी जांच के बाद निकल कर सामने आ सकते हैं। जो भी लोग ऐसे काम कर रहे हैं हम सोशल मीडिया पर उन्हें चिन्हित करते जा रहे हैं। ज़रूरत पड़ने पर केस भी दर्ज कराए जाएंगे। मंत्री परमार ने ये भी कहा कि, अधिकारी परीक्षा में अनियमितता कर रहे हैं, उनपर भी कड़ी कार्रवाई होगी। विभाग की तरफ़ से एक समिति बनाई गई है, समिति की जांच के आधार पर केस दर्ज होंगे। गिरोह काम करके बच्चों को भ्रम फैला रहा है। लोग इसके बदले पैसे घसीट रहे हैं। हमारे पास सभी जानकारी है। पुलिस भी जांच में जुटी हुई है, एक- दो दिनों में हकीकत सामने आ जाएगी। हालांकि, उन्होंने ये भी साफ किया कि, इस मामले में विबाग के किसी भी अधिकारी का कोई लेना देना नहीं है।