बता दें भोपाल की 108 सदस्यीय डमरू टीम देशभर में मात्र एक ही डमरू टीम है। जुलाई के महीने में इसी टीम ने काशी विश्वनाथ में प्रस्तुति दी थी जो लोगों को इतनी पसंद आई कि अब इस टीम को अयोध्या के राम मंदिर के लिए भी बुलावा आ गया है। डमरू टीम 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी और 21 जनवरी को इसकी पहली प्रस्तुति राम की पैड़ी, तुलसी उद्यान, छोटी देवकाली, अशर्फी भवन रोड के तिराहे पर होगी। जबकि इसकी फाइनल प्रस्तुति 22 जनवरी को राम जन्मभूमि पथ पर होगी।
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अलग-अलग यंत्रों का अलग-अलग एक्सपर्ट
108 सदस्यीय डमरू टीम के लीडर अर्जुन सोनी का कहना है कि करीब 6 साल पहले डमरू टीम बनाई थी। कीर्तन के दौरान अलग अंदाज में हम भगवान की स्तुति करते हैं। उन्होंने बताया कि जैसे ही हमारी टीम को अयोध्या में होने वाले समारोह का बुलावा आया तभी से हमारी टीम अभ्यास में जुट गई है। राजधानी भोपाल के घोड़ा नक्कास स्थित साहू समाज धर्मशाला में हमारी टीम अभ्यास करती है। टीम के 30 कलाकारों को डमरू और 1 को शृंगी बजाने की महारत है, जबकि वाद्य यंत्रों में 35 शंख, 30 डमरू, 35 झांझ-मंजीरे, एक पुनेरी ढोल, 60 इंच का एक नगाड़ा, एक थाल घंटा, 4 छोटे ढोल, 4 डंडों में पिरोए हुए 2 हजार घुंघरू शामिल हैं।
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भोपाल से एक पुष्पक विमान भी अयोध्या पहुंचेगा
टीम लीडर अर्जुन सोनी ने बताया कि वाद्ययंत्रों के साथ भोपाल से हंस रूपी पुष्पक विमान की झांकी भी तैयार की जा रही है। झांकी में भगवान श्री राम, लक्ष्मण, माता सीता, विभीषण, सुग्रीव, जामवंत और हनुमान जी बैठे नजर आएंगे। ये झांकी भी कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देगी। डमरू टीम की खास बात ये है कि इस 108 सदस्यीय टीम में बीसीए-एमबीए और इंजीनियरिंग किए हुए तक कलाकार शामिल हैं। टीम में 10 बीसीए, एमबीए कलाकार हैं, जबकि 18 से अधिक कलाकार बीटेक कर रहे हैं। टीम में सबसे ज्यादा उम्र का कलाकार 38 वर्ष का है जबकि सबसे कम उम्र का कलाकार महज 14 साल का है।