भोपाल। टाटा समूह के मालिक और अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने अपने एक फैसले से पूरी दुनिया में हलचल फैला दी है। हलचल इसलिए है क्योंकि चार साल पहले एक साल की कड़ी मशक्कत के बाद टाटा समूह के लिए जिस उत्तराधिकारी को चुना था, टाटा संस के बोर्ड ने उस उत्तराधिकारी यानी साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया है। रतन टाटा बहुत ही संजीदा व्यक्ति हैं और हमेशा अपने ग्रुप के ही बारे में सोचते हैं। 1984 में भोपाल गैस कांड हुआ था, तब टाटा बहुत दुखी थे।
उन्होंने अपने सोशल ग्रुप को निर्देश दिए थे कि भोपाल जाकर गैस कांड के पीडि़तों की हर संभव मदद करें। उस वक्त रतन टाटा ने भी भोपाल का गुपचुप दौरा किया था और गैस पीडि़तों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना था। रतन टाटा मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहर में टाटा कंसल्टेंसी की ब्रांच खोलना चाहते हैं। इंदौर में टीसीएस के लिए जमीन भी देख ली गई है और यहां काम तेजी से चल रहा है। रतन टाटा की जिंदगी के और भी कई राज हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में….
टाटा ने कहा था- हम हटा देंगे जहरीला कचरा
बात 2007 की है, जब भोपाल गैस त्रासदी को लेकर रतन टाटा के ऑफर पर भोपाल में जबरदस्त हंगामा मचा था। दरअसल जनवरी 2007 में एक खबर प्रकाशित हुई थी कि रतन टाटा ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के भीतर रखे जहरीले कचरे को हटाने के लिए मदद करने का ऑफर दिया है।
इसमें आरोप लगाया गया था कि रतन टाटा कचरे को हटाकर यूनियन कार्बाइड की मदद करना चाहते हैं, जबकि वे इस गैस त्रासदी में मारे गए पीडि़तों के परिजनों को यूनियन कार्बाइड से न तो मुआवजा दिलाने की बात कर रहे हैं न ही इस गैस त्रासदी के पीडि़तों को कानूनी कठघरे तक लाने में मदद कर रहे हैं।
1 जनवरी 2007 को रतन टाटा ने एक पत्र तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को लिखा था। 10 जनवरी को इस पत्र की जानकारी जब मीडिया के जरिए सामने आई तो भोपाल स्थित टाटा इंडिकॉम के दफ्तर के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया था।
एक सवाल हमेशा रहा, आपने शादी क्यों नहीं की?
बात 1995 की है, जब एक इंटरव्यू में रतन टाटा को परेशानी का सामना करना पड़ा था। दरअसल टाटा से एंकर ने पूछ लिया था कि आप इतने कामयाब हैं। आपने टाटा समूह को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है? पर एक सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं, वो ये कि आखिर आपने शादी क्यों नहीं की? तब टाटा ने कहा कि वो किसी से प्यार करते थे और करीब 4 बार शादी के करीब भी पहुंचे, लेकिन शादी नहीं हो सकी। हालांकि, इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि कुंवारा होना भी बुरा नहीं है।
प्यार हुआ पर शादी नहीं
रतन टाटा ने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 4 बार प्यार किया और यह प्यार इतना ज्यादा सीरियस था कि शादी तक बात आ पहुंची थी। हालांकि, हर बार अंत में शादी नहीं हो सकी। प्यार की इन 4 कहानियों में सबसे ज्यादा सीरियस लव 1960 के दौरान टाटा के अमेरिका में रहने से जुड़ी है।
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