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भिवाड़ी

उद्योग लगाने में एससी एसटी वाली योजना नहीं बन सकी कारगर

25 लाख, पांच करोड़ और दस करोड़ तक तीन श्रेणी में मिलता है ऋण
तीन साल में 22 आवेदकों को सिर्फ 5.52 करोड़ की राशि ही स्वीकृत

भिवाड़ीJun 28, 2024 / 08:07 pm

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भिवाड़ी. औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति, जनजाति की भागीदारी बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरू की गई थी। जिस उद्देश्य से योजना शुरू की गई थी उसका उतना लाभ एससी एसटी के उद्यमी नहीं ले सके हैं। योजना का उद्देश्य एससी एसटी को बड़े उद्योग लगाने में मदद करना था लेकिन तीन वित्तीय वर्ष के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि योजना अभी शुरूआती स्तर पर ही लाभ दे सकी है। बड़े प्रोजेक्ट के लिए अधिक मात्रा में ऋण देने के मामले में अभी सफलता हाथ नहीं लगी है।

10 करोड़ तक के ऋण पर अनुदान

योजना में 25 लाख से कम के ऋण पर नौ प्रतिशत, 25 लाख से पांच करोड़ तक के ऋण पर सात प्रतिशत, पांच से 10 करोड़ के ऋण पर छह प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलता है। निर्माण क्षेत्र में 10 करोड़, सेवा क्षेत्र में पांच करोड़ और व्यापार क्षेत्र में एक करोड़ तक का ऋण मिलेगा। निर्माण एवं सेवा क्षेत्र में न्यूनतम अंशदान 10 फीसदी और अधिकतम ऋण 90 प्रतिशत, व्यापार क्षेत्र में न्यूनतम अंशदान 15 प्रतिशत एवं अधिकतम ऋण 85 प्रतिशत तक मिलेगा।

तीन वित्तीय वर्ष की यह है स्थिति

वित्तीय वर्ष 2022-23 में सिर्फ एक ऋण आवेदन को स्वीकृत किया गया जिसे सिर्फ दस लाख का ऋण दिया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21 उद्यमियों को ऋण देने का लक्ष्य आया। बैंकों को 45 आवेदन भेजे। 14.49 करोड़ के 22 आवेदन स्वीकृत किए और 5.42 करोड़ के 21 आवेदकों को ऋण दिया गया। 15 आवेदकों को 1.55 करोड़ की मार्जिन मनी अनुदान दिया गया। छह को 3.26 लाख का ब्याज अनुदान मिला। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 आवेदकों को ऋण देने का लक्ष्य मिला। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सिर्फ तीन आवेदन बैंक को भेजे गए हैं जिसमें से एक को 9.50 लाख का ऋण मिला है। एक आवेदक को 10 लाख का मार्जिन मनी अनुदान मिला है और छह आवेदकों को 5.15 लाख का ब्याज अनुदान मिला है।

बड़े प्रोजेक्ट के लिए बड़ी राशि नहीं मिली

योजना शुरू होने के पहली वित्तीय वर्ष में एक ही आवेदन स्वीकृत हुआ, दूसरे वर्ष में 21 के लक्ष्य को पूरा करने 45 आवेदन आए और चालू वित्तीय वर्ष में 32 के लक्ष्य को पूरा करने अभी तक तीन आवेदन आए हैं। योजना में 25 लाख, पांच करोड़ और दस करोड़ तक ऋण देने का प्रावधान है लेकिन तीन साल में 22 आवेदकों को मात्र 5.52 करोड़ का ऋण स्वीकृत हुआ है। जितने भी उद्यमियों को ऋण मिला है, उन्हें छोटी राशि के ऋण ही स्वीकृत हुए हैं। पांच और दस करोड़ के ऋण अभी तक योजना के तहत स्वीकृत नहीं हो सके हैं।

योजना के तहत जो भी आवेदक हैं, उन्हें समझायश कर सभी तरह से आवेदन में सहयोग किया जाता है। योजना को सफल बनाना ही हमारा उद्देश्य है।
एसएस खोरिया, जीएम, डीआईसी

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