जमीन मकान दुकान की रिकॉर्ड खरीद-बिक्री 175 करोड़ मिला राजस्व
तीन साल में बढ़ता गया पंजीयन से होने वाली आय का ग्राफ
जमीन मकान दुकान की रिकॉर्ड खरीद-बिक्री 175 करोड़ मिला राजस्व
भिवाड़ी. जमीन, मकान, दुकान की खरीद-बिक्री इतनी अधिक हुई कि चालू वित्तीय वर्ष के में राजस्व प्राप्ति का रिकॉर्ड टूट गया है। गत वर्ष में जितना राजस्व मिला उससे करीब 25 करोड़ रुपए अधिक प्राप्त हुए हैं। बाजार में प्रॉपर्टी निवेश के नजरिए से देखें तो काफी चढ़ाव देखने को भी मिला है। इसकी वजह से फटाफट सौदे हुए हैं।
उप पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में जमीन जायदाद के सौदों से सरकार को करीब 100 करोड़ रुपए का राजस्व मिला। इस अवधि में कोरोना संक्रमण काल रहा, जिसका असर भी संपत्ति के सौदों पर देखने को मिला। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार को 151 करोड़ रुपए का राजस्व मिला। इस अवधि में गत वर्ष की तुलना में सौदे अधिक हुए, क्योंकि जो सौदे कोरोना संक्रमण की वजह से रद्द हो गए, वह भी दोबारा से पंजीकृत हुए। इसके साथ ही सरकार ने पांच मंजिल से ऊपर के फ्लेट के पंजीयन में लगने वाले स्टांप शुल्क पर छूट दी। दिसंबर 2022 तक मिली छूट की वजह से उस दौरान अंतिम दस दिन में जमकर सौदे हुए थे। बाद में इस छूट को मार्च 2024 तक जारी रखा गया जिसकी वजह से फ्लेट संबंधी सौदे ज्यादा हुए। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष में 175 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। बड़े औद्योगिक भूखंड और व्यावसायिक प्रॉपर्टी के पंजीयन होने से राजस्व अधिक मिला है। सौदों में दुकान, मकान, भूखंड पंजीयन, वसीयत, मुख्तयारआम, रीको, यूआईटी की लीज शामिल हैं।
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कोरोना के बाद आई तेजी
औद्योगिक क्षेत्र में कोरोना संक्रमण काल के बाद औद्योगिक, व्यावसायिक, घरेलू, कृषि जमीनों को लेकर काफी तेजी देखने को मिली है। इस दौरान कीमतों में भी पांच सौ फीसदी की वृद्धि आई है। निवेशकों ने बीडा, आवासन मंडल की व्यावसायकि, आवासीय भूमि में निवेश किया है। रहने के लिए फ्लेट खरीदे हैं। वहीं नए औद्योगिक क्षेत्र में बड़ा निवेश आने से उत्पादन शुरू हुआ है।
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वित्तीय वर्ष में जमीन जायदाद के सौदे अच्छी संख्या में हुए हैं, जिसकी वजह से गत वर्षों की तुलना में विभाग के राजस्व में वृद्धि हुई है।
अशोक गौरा, कार्यवाहक उप पंजीयक
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