योजना के तहत उद्योग लगाने, विस्तार करने, विविधीकरण और आधुनिकीकरण के लिए ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाता था। डीआईसी के माध्यम से ऋण पत्रावलियां बैंक और वित्तीय संस्थाओं को भेजी जाती थीं। 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, संस्थागत आवेदक, सोसायटी और कंपनी ऋण पर ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते थे।
लक्ष्य से रहे दूरवित्तीय वर्ष 2021-22 में 160 उद्यमियों को ब्याज अनुदान देने का लक्ष्य दिया गया, उद्योग केंद्र ने 208 आवेदन बैंकों को भेजे। बैंकों ने 130 उद्यमियों को ही 90 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 180 उद्यमियों को ऋण देने का लक्ष्य था। डीआईसी ने 311 आवेदन चयनित कर बैंक भेजे, जिसमें से 190 आवेदकों को 60 करोड़ का ऋण दिया गया। 193 आवेदकों को 7.91 करोड़ का अनुदान दिया गया।
आठ हजार रोजगार का सृजनसरकार की ओर से उद्योगों को दिए जाने वाली सहूलियत का लाभ कम ही उद्यमियों को मिला लेकिन इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब आठ हजार रोजगार का भी सृजन हुआ है। जिन इकाइयों ने ऋण लेकर उत्पादन शुरू किया और उससे जुड़े अन्य वर्ग की रोजगार वृद्धि हुई।
योजना की अवधि समाप्त हो चुकी है, पोर्टल पर भी आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। मुख्यालय से भी इसके समापन संबंधित दिशा निर्देश मिले हैं।एसएस खोरिया, जीएम, डीआईसी