बारिश से ढह गए दो कच्चे मकान, बाल-बाल बचे परिवार के सदस्य
गृहस्थी का सामान दबकर हुआ नष्ट
बारिश से ढह गए दो कच्चे मकान, बाल-बाल बचे परिवार के सदस्य
भिण्ड. एक ओर बारिश किसानों के लिए संकट बन गई है वहीं दूसरी कच्चे घरों में रह रहे गरीब तबके के परिवारों के लिए भी मौत के खौफ का सबब बन रही है। शनिवार की अल सुबह लहार कस्बे के वर्ड क्रमांक 04 बरुअनपुरा में दो कच्चे घर धाराशायी हो गए। गनीमत ये रही कि हादसे के वक्त दोनों ही परिवारों के सदस्य घर के अंदर मौजूद नहीं थे।
जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे से न केवल आसमान में बादल छाए हुए हैं बल्कि रुक रुककर बारिश भी हो रही है। ऐसे में कच्चे घरों के लिए बारिश खतरा बन गई है। लिहाजा कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। बरुअनपुरा में सुबह करीब सात बजे हरचरण ङ्क्षसह पुत्र रतिराम का घर भरभराकर गिर गया। हादसे के वक्त हरचरण का परिवार घर में मौजूद नहीं होने के कारण जनहानि नहीं हो पाई। इतना ही नहीं घर के अंदर भैंस भी बंधी हुई थी जिसे हादसे से चंद मिनट पहले ही वह निकालकर बाहर ले गए थे। बावजूद इसके हरचरण का हजारों रुपए का आर्थिक नुकसान हो गया है। गृहस्थी तथा खाने पीने का सामान मलबे में दबकर बेकार हो गया है।वार्ड क्रमांक 04 में हरचरण का मकान गिर जाने के करीब आधा घंटे बाद मुन्नालाल पुत्र हरिप्रसाद धाकड़ का घर धराशायी हो गया। यहां भी खैरियत रही कि घर के अंदर कोई भी परिवार का सदस्य नहीं था। दरअसल मुन्नालाल और उनकी पत्नी पशुओं को बाहर चारा-पानी दे रहे थे जबकि बच्चे स्कूल के लिए निकल गए थे। हालांकि हादसे में उनकी गृहस्थी का सामान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
मजदूरी करते हैं पीडि़त परिवार
विदित हो कि हरचरण एवं मुन्नालाल धाकड़ मजदूरी कर अपने-अपने परिवार का लालन पालन कर रहे हैं। घर गिर जाने के बाद दोनों ही पीडि़तों का करीब एक-एक लाख रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हो गया है। जिसकी भरपाई कर पाने में उन्हें कई साल लग जाएंगे। परिवारों ने शासन ने मुआवजा दिलाए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की है।
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