नेशनल हाइवे क्रमांक 719 की हालत कई जगहों पर बेहद खराब है। भिंड से ग्वालियर के बीच रोड की चौड़ाई करीब 30 फीट ही है। महाराजपुरा के पहले तक डिवाइडर युक्त रोड है, उसके बाद भिण्ड तक 2 लेन होने से यातायात में बहुत समस्या आती है। खास तौर दो पहिया वाहन चालकों को हमेशा खतरा बना रहता है। रेत, गिट्टी और मुरम सहित अन्य भारी वाहनों के कारण अक्सर हादसे होते हैं, जिससे हाइवे पर जाम लगते हैं।
यह भी पढ़ें: पर्ची में कैसे बता देते लोगों की समस्याएं और निदान, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद खोला राज ग्वालियर से इटावा तक नेशनल हाइवे को 4 लेन कराने के प्रस्ताव से लोगों को राहत मिली थी लेकिन यह प्रोजेक्ट और आगे बढ़ गया है। दरअसल सरकार ने यहां टोल वसूली का ठेका 2027 तक बढ़ा दिया है। पहले मार्च 2025 में टोल वसूली रुकने का प्रावधान था। इसके बाद 4 लेन का काम चालू होने की उम्मीद थी लेकिन अब 3 साल बाद ही नई रोड का निर्माण चालू हो सकेगा।
नेशनल हाईवे का प्रबंधन कर रही कंपनी ने कोरोना काल एवं चंबल पुल से यातायात प्रभावित रहने के चलते हुई आर्थिक क्षति की भरपाई के लिए 2027 तक वसूली की अनुमति मांगी थी। सरकार ने सिद्धांत रूप से इस पर सहमति दे दी है।
मामले में भिंड के प्रभारी मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे को 4 लेन करने के प्रस्ताव और टोल वसूली की अवधि बढ़ाने की मेरे पास पूरी तरह पुष्ट जानकारी नहीं है। मैंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करने के लिए समय मांगा है। बातचीत के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
प्रबंधन कंपनी ने कहा कि कार्यकाल बढ़ा
इधर नेशनल हाइवे का प्रबंधन और टोल वसूली का कार्य कर रही कंपनी पीएनसी ने कार्यकाल बढ़ोत्तरी की पुष्टि की। कंपनी के महाप्रबंधक अशोक मिश्रा के मुताबिक हमें वर्ष 2027 तक टोल वसूली की अनुमति मिल गई है।
एनएच पर टोल वसूली 3 साल आगे बढ़ने से 4 लेन निर्माण का काम भी खटाई में पड़ सकता है। इससे पूर्व में आंदोलन करने वाले समाजसेवी और संत समाज दोबारा आक्रोश जाहिर कर रहे है। फिर से सरकार व जिला प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बनाया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
नेशनल हाईवे क्रमांक 719 की लंबाई- 108 किमी
2027 तक बढ़ा हाइवे पर कंपनी का अनुबंध।
2025 में खत्म होना था पीएनसी का ठेका।