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भिंड

बाजरा की फसल 20 हजार और एक हजार हक्टेयर तिल की फसल बर्बाद

रवी फसल के लिए सरसों की बोवनी भी एक सप्ताह पिछड़ी

भिंडOct 08, 2022 / 12:31 pm

Abdul Sharif

बाजरा की फसल 20 हजार और एक हजार हक्टेयर तिल की फसल बर्बाद

बाजरा की फसल 20 हजार और एक हजार हक्टेयर तिल की फसल बर्बाद

भिण्ड. गुरुवार की रात 11 बजे से रुक-रुककर 12 घंटे तक हुई झमाझम बारिश से जिले भर में जहां एक हजार हेक्टेयर तिल की फसल बर्बाद हो गई है। वहीं 20 हजार हेक्टेयर बाजरा की फसल भी नष्ट हो गई है। इसके अलावा रवी फसल के लिए सरसों की बोवनी भी एक सप्ताह पिछड़ गई है।
खाद एवं बीज की किल्लत से पूर्व से ही जूझ रहे किसानों के सामने अनावश्यक हुई बारिश ने मुसीबत पैदा कर दी है। जिले भर में खरीफ फसल के रूप में बाजरा का रकबा करीब 70 हजार हेक्टेयर था। तिल की फसल छह हजार हेक्टेयर रकबे में की गई थी। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक लगभग 50 हजार हेक्टेयर रकबे की बाजरा फसल किसानों ने ले ली है। इसी प्रकार करीब पांच हजार हेक्टेयर तिल की फसल भी किसान खेतों से काटकर खलिहान से घर ले जा चुके हैं। ऐसे में 20 हजार हेक्टेयर रकबे में बाजरा एवं एक हजार हेक्टेयर रकबे में अभी तक खड़ी तिल की फसल को बीती रात से शुरू हुई लगातार बारिश ने नष्ट कर दिया है।
– दो हजार हेक्टेयर रकबे में सरसों की बोवनी हुई नष्ट 2.23 लाख हेक्टेयर रकबे में पिछड़ी बोवनी
क्षेत्र के कृषकों के मुताबिक जिले भर में सरसों फसल का रकबा सवा दो लाख हेक्टेयर है। जबकि गेहूं फसल का रकबा सवा लाख हेक्टेयर है। बेमौसम बरसात ने दो हजार हेक्टेयर जमीन की बोवनी नष्ट कर दी है। ऐसे में संबंधित किसानों का खाद तथा बीज के अलावा जुताई, बुवाई पर खर्च होने वाली धनराशि भी व्यर्थ चली गई है। वहीं दो लाख 23 हजार हेक्टयर जमीन में सरसों की बोवनी एक सप्ताह पिछड़ गई है।
– बोवनी पिछडऩे से घट सकती है सरसों की पैदावार
कृषि के जानकारों के मुताबिक सरसों की बोवनी एक सप्ताह पिछड़ गई है। जिन इलाकों में मिट्टी काली है उनमें और भी ज्यादा समय पिछड़ सकती है। बोवनी पिछडऩे से उत्पादन पर असर पड़ता है। प्रति हेक्टेयर तीन क्विंटल पैदावार कम हो सकती है। कुल मिलाकर 15 फीसद सरसों का उत्पादन घट सकता है।
– इस बारिश से जिले में दो गुना हो सकता है गेहूं फसल का रकबा
बतादें कि अनावश्यक बारिश सेे पिछड़ी सरसों की बोवनी के कारण किसानों का रुख गेहूं की फसल की ओर होगा। जिले में औसतन गेहूं फसल का रकबा सवा लाख हेक्टेयर होता है। लेकिन इस बार दो से ढाई लाख हेक्टेयर में भी होने की संभावना बन सकती है। किसान सरसों की पैदावर कम होने का जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे।
कथन-
बेमौसम बारिश से सरसों की बोवनी पिछड़ गई है। ऐसे में यदि विलंब से बोवनी की गई तो पैदावार घट जाएगी। हालांकि किसान सरसों छोडक़र गेहूं फसल का रकबा बढ़ाएंगे।
शिवराज सिंह यादव, उप संचालक कृषि भिण्ड

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