दूसरी तरफ इसी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव परसरामपुरा में कुछ वर्षों पूर्व बनी उच्च जलाशय वाली टंकी पानी के अभाव में शो पीस बनकर रह गई। दूसरी ओर गांव के किनारे पर ही स्थित वेदांता समूह की हिंदुस्तान जिंक के द्वारा इस गांव में टैंकरों के माध्यम से विगत 3 वर्षों से पानी पहुंचाया जा रहा है। पूरे गांव में 5-5, 6-6 घरों के समूह मिलकर घर के बाहर पानी की टंकियां रख देते हैं। जिनमें टैंकरों द्वारा पानी भरा जाता है । इस गांव में प्रतिदिन पांच टैंकरों की मांग के बदले मात्र तीन टैंकर पानी से ही आपूर्ति हो रही है। सभी घरों के स्वामी अपने अपने ड्रम को ताले लगाकर रखते हैं ताकि कोई पानी चोरी ना कर ले और अनावश्यक लड़ाई का माहौल भी ना बने।
गहराए पेयजल संकट को देखते हुए ग्रामवासियों ने प्रशासन से अतिरिक्त 10 टेंकरों या जिंक प्रशासन को निर्देश देकर टैंकरों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है। सरपंच जीवराज जाट, पंचायत समिति सदस्य
शिव कुमार पांडेय ने जिला प्रशासन से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड द्वारा पेयजल के लिए स्थाई योजना और वह भी दीर्घकालीन बनाई जा कर कस्बेवासियों को राहत दिलाए जाने की मांग की है । जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता शिवराज कुमार ने बताया कि टैंकरों के लिए प्रस्ताव बनाकर ग्राम पंचायत को भिजवाया है । जहां से आवश्यक खानापूर्ति होने के बाद शीघ्र ही विभाग की ओर से भी टैंकर शुरू हो जाएंगे।