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भीलवाड़ा

स्वस्तिधाम बना दुनियां का तीर्थ स्थल

देश की धार्मिक नगरी जहाजपुर में संपन्न आठ दिवसीय मुनि सुव्रतनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ से स्वस्तिधाम दुनियां का जैन तीर्थ स्थल के रूप में उभर कर आया। आचार्य ज्ञान सागर महाराज व स्वस्तिधाम की प्रणेता आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में आयोजित पंचकल्याणक में स्वस्तिधाम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड व गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड समेत कई रिकार्ड दर्ज हुए तो राज्यपाल कलराज मिश्र, यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल, खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद भाया का सानिध्य भी मिला।

भीलवाड़ाFeb 08, 2020 / 12:12 pm

Narendra Kumar Verma

Swastidham became the world's pilgrimage site

Swastidham became the world’s pilgrimage site

स्वस्तिधाम बना दुनियां का तीर्थ स्थल

भीलवाड़ा। देश की धार्मिक नगरी जहाजपुर में संपन्न आठ दिवसीय मुनि सुव्रतनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ से स्वस्तिधाम दुनियां का जैन तीर्थ स्थल के रूप में उभर कर आया। आचार्य ज्ञान सागर महाराज व स्वस्तिधाम की प्रणेता आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में आयोजित पंचकल्याणक में स्वस्तिधाम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड व गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड समेत कई रिकार्ड दर्ज हुए तो राज्यपाल कलराज मिश्र, यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल, खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद भाया का सानिध्य भी मिला। देश के विभिन्न हिस्सों से पांच लाख से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने पंचकल्याणक में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता निभाई।
आचार्य ज्ञान सागर महाराज व स्वस्तिधाम की प्रणेता आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में पंचकल्याण के अंतिम दिवस पर दिनभर धार्मिक अनुष्ठान हुए। भूगर्भ से प्रकट जैन धर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की प्रतिमा को मंत्रोच्चारण के साथ 20 हजार स्क्वायर फीट में नवनिर्मित जहाज के आकार में बने भव्य मंदिर की वैदिका पर विधिवत रूप से विराजमान किया गया। इस दौरान णमोकारमंत्र गूंजायमान होते रहे है।
102 बीघा क्षेत्रफ ल में हुए भव्य समारोह में देशभर के संत व श्रद्धालु बड़ी संख्या में साक्षी बने। आचार्य ज्ञान सागर महाराज ससंघ व आर्यिका सवस्ति भूषण माताजी के सानिध्य में हुए इस अनूठे आयोजन में कई वरिष्ठ राजनेता, उद्योगपति, समाजसेवी सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुई। शुक्रवार को उड़ीसा के विमल कुमार व विकास कुमार ने मुख्य कलश चढ़ाए, वहीं मुंबई के भूपेंद्र व रेखा जैन ने ध्वजारोहण किया। नई दिल्ली के नवीन व संगीता तथा कोटा के प्रवीण जैन ने कलशारोहण किया। जौहरीलाल ने मुख्य ध्वजा फ हराई।
अभिषेक एवं शांतिधारा
आयोजन समिति के अशोक बडजात्या ने बताया कि सुबह 6 बजे मूलनायक अभिषेक एवं शांतिधारा हुई। इसके बाद बाद जाप अनुष्ठान, अभिषेक, सम्मेदशिखर पर्वत दर्शन, पूजा व निर्वाण भक्ति, निर्वाण प्राप्ति, गुणारोपण, निर्वाण कल्याणक पूजा हुई। आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने मोक्षकल्याणक के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वेदी पर विराजे 20 वें तीर्थकर
छह साल पहले जहाजपुर में ही भू गर्भ से प्रकट हुए 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की प्रतिमा को आचार्यश्री व माताजी के सानिध्य में गाजे बाजे साथ नवनिर्मित मंदिर की वेदिका तक लेकर पहुंचे और विधिविधान के साथ विराजमान किया गया। इस दौरान देशभर से आए श्रावक- श्राविकाओं ने भगवान के दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया। जैन भजनों पर श्रद्धालुओं ने खूब नृत्य किया। इससे पहले नवीन वेदियों में बिम्ब स्थापन विधि का शुभारंभ यंत्र स्थापनाए शांति हवन व बिम्ब स्थापना की गई। इस दौरान पंचकल्याणक आयोजन महोत्सव समिति जहाजपुर के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी, महामंत्री ज्ञानेन्द्र जैन, प्रचार-प्रसार प्रभारी मनोज जैन आदिनाथ,कार्याध्यक्ष जयकुमार कोठारी, पवन सोनी, पवन अजमेरा, भागचंद पाटनी व महावीर पौद्वार आदि मौजूद थे।
कवि सम्मेलन में खूब लगे ठहाके
स्वस्तिधाम में गुरुवार देर रात तक कवि सम्मेलन का रंग जमा। कवियत्री नमृता जैन ने सरस्वत वंदना से काव्य पाठ की शुरूआत की। कवि सुरेंद्र शर्मा ने हास्य की रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को खूब हंसाया। वहीं कवि सुरेंद्र व्यास ने खूब व्यंग्य बाण छोड़े। उत्तरप्रदेश के कवि मोहन मुंतजीर ने ‘मैं,चांद तोड़ लाउ अगर मां मुझे कहेÓ रचना सुनाई। संचालन कवि सौरभ जैन ने किया।
महामस्काभिषेक शुरू, 20 तक चलेगा कार्यक्रम
आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी ने बताया कि वेदिका पर 20 वें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ भगवान को विराजमान करने के साथ ही आचार्यश्री व माताजी के सानिध्य में महामस्काभिषेक शुरू हो गया। मंत्रोच्चारण के साथ श्रावक.श्राविकाओं ने पहले दिन यह अभिषेक कर पुण्यअर्जित किया। 20 फरवरी तक मंदिर में महामस्तकाभिषेक चलेगा।

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