सुरेश जैन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को स्कूल ड्रेस (यूनिफॉर्म) के लिए अगले वर्ष तक इंतजार करना पड़ सकता है। प्रदेश के 37.17 लाख बच्चों की स्कूल ड्रेस टेंडर की शर्तों में उलझ गई है। स्कूल शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए दो-दो ड्रेस के लिए 3.50 करोड़ मीटर कपड़ा खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। 7 सितंबर को जारी 223 करोड़ रुपए के टेंडर की शर्ते विवादों में आ गई। भीलवाड़ा के औद्योगिक संगठनों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से शर्तों का कड़ा विरोध किया है। गौरतलब है कि प्रदेश के बच्चों को स्कूली यूनिफॉर्म के लिए कपड़ा भीलवाड़ा से सप्लाई होता है।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश की सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के कपड़े का दो-दो सेट दिया जाना है। योजना से प्रदेश के 37 लाख 17 हजार 346 विद्यार्थी लाभांवित होंगे। इन्हें दिसंबर-जनवरी माह में कपड़ा मिल पाएगा।
यह है कंपोजिट यूनिट
कंपोजिट यूनिट यानी एक ही फैक्ट्री में कपड़ा उत्पादन के सभी कार्य का होना। इसमें स्पीनिंग, ट्विस्टिंग, साइजिंग, वीविंग, डाइंग व प्रोसेसिंग से लेकर पैकिंग डिस्पैच तक का सारा कार्य एक फैटरी में होना कंपोजिट कहलाता है।
अगले साल तक मिलेगी ड्रेस
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से टेंडर जारी होने के बाद भी विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस अगले साल तक मिल पाएगी। टेंडर में 26 सितंबर तक आवेदन मांगे है। शर्तों में बदलाव होता है तो इसमें कई उद्यमी शामिल होंगे। बदलाव नहीं होने पर भीलवाड़ा की एक क्पोजिट यूनिट ही इसमें हिस्सा ले सकेगी। ऐसे में विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस अगले साल तक मिलने की संभावना है।
शर्तों को लेकर औद्योगिक संगठनों का विरोध
विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस के 3.50 करोड़ मीटर कपड़ा खरीदने के जारी टेंडर शर्तों का औद्योगिक संगठनों ने विरोध किया। टेंडर की दो शर्तें हटाने की मांग लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा। इससे एमएसएमई टेसटाइल उद्योगों के हित में निर्णय का आग्रह किया। टेंडर में कंपोजिट यूनिट तथा 100 करोड़ के ऑर्डर का सरकारी एग्जीयूशन की शर्त लागू की है, जिसे हटाने की मांग की जा रही। जबकि पिछले साल तक 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर की शर्त थी, जिसे बदलकर 100 करोड़ रुपए की कपड़े की सरकारी सप्लाई का अनुभव कर दिया। साथ ही कंपोजिट यूनिट (स्पिनिंग, विविंग व प्रोसेसिंग) की अनिवार्यता कर दी गई है। इन दो शर्तों को जोड़ने से प्रदेश का एक ही औद्योगिक समूह पात्र रह गया है।
सरकार के स्तर पर होगा निर्णय
स्कूल ड्रेस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सरकार के स्तर पर ही निर्णय होना है। संभवतया अभी सरकार ने टेंडर किए हैं, लेकिन या प्रक्रिया चल रही है। इसके बारे में कोई सूचना नहीं है। इस सत्र की ड्रेस नहीं मिली है।
– अरुणा गारू, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, भीलवाड़ा
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