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नए जिले बनाने की घोषणा से क्षेत्र के लोगों की उम्मीद को पंख लगे है। हालांकि सतही स्तर पर अभी कुछ नहीं हुआ है। सरकार की ओर से नए जिलों में केवल प्रशासन व पुलिस के विशेषाधिकारी की नियुक्ति हुई है। विशेषाधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण कर सीमांकन आदि कार्य भी शुरू किए हैं। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से नए जिलों की सीमा का नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार है।
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शाहपुरा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कॉम्पलेक्स, होटलों व कम्पनियों के शोरूम के लिए जमीन तलाशी जा रही है। खासतौर से सड़क से लगती भूमि इसकी पहली पसंद मानी जा रही है। जिला बनने पर विकास का पूरा फोकस यहीं रहेगा। इसके चलते मार्ग पर किसान अपनी खेती की जमीन को बेचने को तैयार नही है। क्षेत्र के बड़े प्रॉपर्टी डीलर, प्रभावशाली लोग यहां जमीन की खरीद फरोख्त में लगे हैं। शाहपुरा, भवसागर, शिवपुरा, आरणी, चार मील चौराया, दौलतपुरा, रायपुर चौराया, प्रताप पुरा, डाबला कचरा, खादीसहना, माताजी का खेड़ा, अरनिया घोड़ा, निंबाहेड़ा समेलिया में भी जमीन के भाव में उछाल आया है।