भीलवाड़ा के बापूनगर निवासी राधेश्याम उपाध्याय और मां इंदिरा देवी उपाध्याय के पुत्र अनिरूद्ध ने आईआईटी कानपुर से एमटेक के दौरान नामी कंपनी में 18 लाख रुपए सालाना पैकेज का ऑफर मिला था, उसे ठुकरा दिया और खुद के लिए इसरो में कॅरियर को लक्ष्य बनाया।
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चंद्रयान-3 लॉन्च में शाहपुरा (भीलवाड़ा) के वैभव उपाध्याय का भी अहम योगदान रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी सत्यस्वरूप उपाध्याय के पुत्र वैभव इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। वे मिशन चंद्रयान में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। मिशन चंद्रयान- प्रथम, द्वितीय और तृतीय में लगातार तीन बार प्रोजेक्ट मैनेजर तथा डिजाइनर की जिम्मेदारी निभाई। वैभव जनवरी 2006 में इसरो में पदस्थ हुए। मिशन मंगल यान का भी वैभव हिस्सा रहे।