एेसे में पैरेंट्स भी अपने बच्चों का भविष्य इसी फील्ड में देख रहे हैं।दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की स्थानीय ब्रांच के आंकड़ों के अनुसार, यहां हर साल 1500 बच्चों का सीपीटी में रजिस्ट्रेशन हो रहा है। हालांकि कुछ सालों से यह आंंकड़ा कम हुआ है।
और भी है सीए की डिमांड आईसीएआई भीलवाड़ा ब्रांच के पूर्व चेयरमैन प्रदीप सोमानी का कहना है कि जीएसटी को अभी एक साल हो गया है। जिस तरह सरकार की योजनाएं आई है, उस हिसाब से अभी भी सीए की डिमांड है। एेसे में अभिभावक अपने बच्चों को इस क्षेत्र में प्रवेश करा सकते हैं। जीएसटी आने के बाद सीए की मांग और बढ़ी है। यही वजह है कि यहां के सीए कई कंपनियों में बेहतरीन काम कर रहे हैं।
आईसीएआई भीलवाड़ा ब्रांच के पूर्व चेयरमैन अशोक जैथलिया का कहना है कि हमारे यहां सीए बनने में रुचि खूब है। स्टूडेंट्स भी अच्छी मेहनत करते हैं। हर साल ऑल इंडिया रैंक में हमारे यहां के स्टूडेंट्स है। निजी क्षेत्र में भी कई संस्थान है तो यहां अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। यहां से ऑल इंडिया रैंक में प्रथम स्थान भी आ चुका है।
विश्वभर में नाम कमा रहे तीन हजार से अधिक सीए
आईसीएआई भीलवाड़ा ब्रांच के पूर्व चेयरमैन शिव झंवर का कहना है कि यहां अभी आठ सौ से अधिक सीए पंजीकृत है। इस क्षेत्र के सीए हर सेक्टर में और हर जगह काम कर रहे हैं। पूरे विश्व की बड़ी कंपनियों में यहां का प्रतिनिधित्वि है।