गौरतलब है कि आसींद थाना क्षेत्र के कुराछो का खेड़ा गांव में बुधवार को नवरात्र पर एक मंदिर के भोपा ने धार्मिक आस्था की बात कहते हुए जिंदा समाधि ले ली। देर रात सोशल मीडिया पर इसके वीडियो और फोटो वायरल होने पर पुलिस हरकत में आई। आसींद थानाधिकारी पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और भोपा को करीब सोलह घंटे के बाद समाधि से बेहोशी की हालत में बाहर निकाला। उसे आसींद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
थानाधिकारी मनीष देव ने बताया कि कुराछो का खेड़ा गांव में तालाब के निकट माताजी का मंदिर है। मंदिर के भोपा श्रवण खारोल ने धार्मिक आस्था बताते हुए बुधवार सुबह सात बजे पांच गुणा पांच साइज का गड्ढ़ा खुदवाया। फिर मंत्रोच्चार के साथ ग्रामीणों की मौजूदगी में गड्ढ़े में बैठ गया। उसके बाद ग्रामीणों ने गड्ढे के उपर पट्टी रखी और ुस पर मिट्टी डालकर उसे बंद कर दिया। इस समाधि से तीन दिन बाद भोपा को बाहर निकालना था। इस बीच रात करीब साढ़े ग्यारह इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर थानाधिकारी जाब्ते के साथ गांव पहुंचे। वहां समाधि स्थल के आसपास करीब 40-50 लोग सो रहे थे।
पुलिसकर्मियों ने वहां पहुंच कर घटनाक्रम की जानकारी ली। उसके बाद गांव के प्रबुद्ध लोगों को बुलाकर लोगों की समझाइश की। उन्हें बताया कि हवा-पानी नहीं मिलने से अंदर जीवत रहना संभव नहीं है। एेसे में भोपा को बाहर निकाला जाए। इस पर ग्रामीणों ने सहमति दे दी। उसके बाद मिट्टी हटाकर भोपा को बाहर निकाला। भोपा श्रवण अद्र्धचेतन हालत में था। उसे तत्काल पुलिस जीप से आसींद अस्पताल पहुंचाया। वहां देर रात तक इलाज किया जा रहा था। हालांकि भोपा देर रात तक बोलने की स्थिति में नहीं था।