scriptएक साल जांच के नाम पर घुमाती रही भीलवाड़ा पुलिस, डीएसपी ने दो माह में खोली घालमेल की परत | Bhilwara police kept roaming in the name of investigation for one year | Patrika News
भीलवाड़ा

एक साल जांच के नाम पर घुमाती रही भीलवाड़ा पुलिस, डीएसपी ने दो माह में खोली घालमेल की परत

मांडल थाने में जमीन विवाद को लेकर धोखाधड़ी मामले में पहले पुलिस अफसरों ने सही तफ्तीश नहीं की। एक माह तक जेल में रहकर आए पीडि़त बुजुर्ग रामजस टांक न्याय के लिए घूमने लगा तो भीलवाड़ा पुलिस ने उसकी चप्पल घिसवा दी। रामजस पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाता रहा। परिवाद पर परिवाद दिया, लेकिन यहां उसकी एक नहीं सुनी गई। आखिर उसने अजमेर में आईजी रूपेन्द्रसिंघ के कार्यालय का दरवाजा खटखटाया।

भीलवाड़ाApr 21, 2023 / 12:38 pm

Akash Mathur

एक साल जांच के नाम पर घुमाती रही भीलवाड़ा पुलिस, डीएसपी ने दो माह में खोली घालमेल की परत

एक साल जांच के नाम पर घुमाती रही भीलवाड़ा पुलिस, डीएसपी ने दो माह में खोली घालमेल की परत

मांडल थाने में जमीन विवाद को लेकर धोखाधड़ी मामले में पहले पुलिस अफसरों ने सही तफ्तीश नहीं की। एक माह तक जेल में रहकर आए पीडि़त बुजुर्ग रामजस टांक न्याय के लिए घूमने लगा तो भीलवाड़ा पुलिस ने उसकी चप्पल घिसवा दी। रामजस पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाता रहा। परिवाद पर परिवाद दिया, लेकिन यहां उसकी एक नहीं सुनी गई। आखिर उसने अजमेर में आईजी रूपेन्द्रसिंघ के कार्यालय का दरवाजा खटखटाया।

 

आईजी के आदेश दरकिनार, सत्यापन में लगा दी मोहर
आईजी ने रामजस की पूरी बात सुनने के बाद उसके परिवाद की जांच के लिए भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए। एसपी ने मामले की जांच पुर थानाप्रभारी शिवराज गुर्जर को सौंपी। थानाप्रभारी गुर्जर ने सीआई राजेन्द्र गोदारा की जांच पर मोहर लगाकर उसे सही ठहरा दिया। इसका रामजस को पता लगा तो उसने हार नहीं मानी। फिर से वह आईजी ऑफिस गया।

इस बार डीएसपी को दी
आईजी ने मामले पर संदेह होने पर कार्यालय में तैनात डीएसपी बंशीलाल को जांच सौंपी। सितम्बर-2022 में जांच डीएसपी बंशीलाल के पास आई। बंशीलाल ने तफ्तीश शुरू की तो उनको फाइल में घालमेल नजर आया। वह मांडल आए और पंचायत से लेकर मांडल थाने तक के दस्तावेज जुटाए। इसके बाद रामजस के बैंक में रहन रखे पट्टे को देखा तो पुलिस अधिकारी की गड़बड़ी पकड़ में आ गई। दो माह में जांच पूरी कर डीएसपी ने रिपोर्ट आईजी को सौंप दी। आईजी ने जांच की सत्यता परखी और उसके बाद दोनों सीआई पर गाज गिरी। इस मामले में उपनिरीक्षक अय्यूब मोहम्मद और उगमाराम भी संदेह के दायरे में है। दोनों उपनिरीक्षक भी जांच के दौरान एक के बाद एक मांडल थाने में प्रभारी रहे हैं।

Hindi News / Bhilwara / एक साल जांच के नाम पर घुमाती रही भीलवाड़ा पुलिस, डीएसपी ने दो माह में खोली घालमेल की परत

ट्रेंडिंग वीडियो