मंजूर नहीं हुए काम सार्वजनिक तलाईयों में पानी भरा हुआ है। इससे जिले की सभी पंचायत समिति क्षेत्र में मनरेगा कार्य ही स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। जो कार्य स्वीकृत हुए, उनमें अधिकांश कार्य व्यक्तिगत लाभ के है। दूसरी ओर रबी की फसल की बुआई चल रही है। इस कारण श्रमिकों का मनरेगा योजना से मोहभंग है। इस बार जुलाई अगस्त व सितंबर में अच्छी बारिश के कारण हर जगह पानी भर गया। मनरेगा कार्य के लिए जगह ही नहीं बची। खेतों के साथ तलाई व सरोवर में लबालब है। मनरेगा कार्य स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं।
निजी उपयोग के कार्य भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले की 14 पंचायत समिति के तहत 395 पंचायत है। इनमें 341 पंचायतों में ही 3700 कार्य चल रहे हैं। इनमें मात्र 24, 315 मजदूर कार्य कर रहे हैं। मानसून से पहले तक कई कार्य निजी उपयोग के हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास, खेत पर मेड़बंदी समतलीकरण, पशु आश्रय निर्माण कार्य, खेत पर व्यक्तिगत कार्य आदि के कार्य शामिल हैं। सार्वजनिक कार्यों में ग्रेवल सडक, तलाई खुदाई, रास्ता बनाना आदि कार्य शामिल हैं।
फसल कटाई के कारण नहीं आ रहे जिले में 3300 से अधिक काम स्वीकृत हैं। सिंचाई विभाग के काम स्वीकृत किए हैं। लेकिन अभी फसल कटाई के कारण श्रमिक काम पर नहीं आ रहे हैं। नवंबर के दूसरे पखवाड़े या दिसंबर में मनरेगा का काम शुरू होंगे। इसके बाद ही मजदूरों की संख्या भी बढ़ जाएगी। -चंद्रभान सिंह भाटी, सीईओ जिला परिषद भीलवाड़ा
जिले में मनरेगा कार्य की स्थिति
- पंचायत श्रमिक
- रायपुर 241
- सहाड़ा 698
- मांडल 918
- मांडलगढ़ 1092
- करेड़ा 1125
- बिजौलियां 1197
- सुवाणा 1363
- हुरड़ा 1427
- बनेड़ा 1467
- जहाजपुर 1835
- शाहपुरा 2634
- कोटड़ी 2912
- आसींद 2944
- बदनोर 4462
- कुल 24,315