हर छह माह में हो रहे बेरोजगार प्रदेश में 340 सोसायटी कॉलेजों में 2500 से अधिक सहायक आचार्य लगाए थे। सरकार हर साल अधिकतम छह माह के लिए नियुक्त करती है। ऐसा पांचवीं बार हुआ,जब बीच सत्र इन्हें हटाया है। बाद में आवेदन लेकर वापस लगाया जाता है। विद्या संबल से लगे सहायक आचार्यों का कहना है कि सरकार को एक साल के लिए कॉलेजों में नियुक्ति देनी चाहिए, ताकि पढ़ाई बाधित नहीं हो।
भीलवाड़ा जिले की स्थिति जिले में 24 राजकीय महाविद्यालय हैं। कोटड़ी,शाहपुरा में नए कॉलेज खोले गए। जहाजपुर में कन्या महाविद्यालय खोला गया। इनमें 30—32 सहायक आचार्य है। उनका कार्यकाल दिसंबर में पूरा हो गया। इनकी अंतिम सूचना जनवरी के प्रथम सप्ताह में आएगी।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें और सुझाव
- बार-बार विज्ञापन निकालने की प्रक्रिया खत्म हो।
- कालांश के आधार पर वेतन के बजाय मासिक वेतन दिया जाए।
- अस्थायी नियुक्ति के बाद पाठ्यक्रम पूरा करने का समय नहीं होता। इससे अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।
- नियमित नियुक्ति मिलेगी तो छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा और मार्गदर्शन मिलेगा।
- विद्या संबल योजना के अतिथि सहायक आचार्य को कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग पोस्ट रूल्स 2022 या संविदा नीति 2022 में समायोजित करने से स्टाफ की कमी पूरी होगी। पीएचडी या नेट किए शिक्षकों को रोजगार मिलेगा।
- हरियाणा और मध्यप्रदेश की तर्ज पर सहायक आचार्यों को 57,700 रुपए मासिक वेतन दिया जाए।
- सरकार अतिथि सहायक आचार्य को स्थायी करने के लिए हरियाणा सरकार की तरह स्पष्ट नीति तैयार करे।
- सेमेस्टर सिस्टम के कारण शिक्षकों की मांग और भी बढ़ेगी इसलिए स्थायित्व जरूरी है।
अगले माह आएगी सूचना
विद्या संबल योजना में जिले के करीब 24 राजकीय महाविद्यालयों से 30 से 32 सहायक आचार्य को 24 सप्ताह के लिए सरकार लेती है। इनमें कितने सहायक आचार्य को हटाया है, इसकी सूचना अगले माह आएगी। अगर किसी महाविद्यालय में सिलेबस अधूरा है तो वहां कुछ सप्ताह उनका समय बढ़ाया जा सकता है।
– राजकुमार चतुर्वेदी, प्रिंसिपल एमएलवी कॉलेज भीलवाड़ा