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मानव शरीर के लिए नुकसान
इससे फलों से पोषक तत्व खत्म हो ही जाते हैं, साथ ही फलों में रसायन समा जाते हैं। कार्बाइड से पके यह फल मानव शरीर के लिए नुकसान हैं। फल पकाने का परंपरागत तरीका भूसे और पत्ते के बीच पाला लगाने का है। इस विधि से फल धीरे-धीरे 48 घंटे में पकते हैं। फिलहाल कम ही ऐसे फल व्यापारी होंगे जो इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। (CG Bhilai News) कई फल व्यापारी कम समय में अधिक लाभ कमाने की खातिर केमिकल का उपयोग करते हैं। जानकारों की मानें तो भूसे और पत्ते से पकाए गए फलों का शरीर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता, जबकि कार्बाइड में बेहद गर्मी होती है। इसलिए इससे पके फल को खाने से शरीर रोगों से ग्रसित हो सकता है।
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कार्बाइड और वैक्स फेफड़ों के लिए नुकसानदायक
डॉक्टर की मानें तो कार्बाइड और वैक्स फेफड़ों में जमकर पाचन में सहायक अवयवों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पेट में कई बीमारियां जन्म ले सकती हैं। (CG Bhilai News) लिवर में भी कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। कार्बाइड का इस्तेमाल से पेट, किडनी, एलर्जी व त्वचा संबंधी रोग पैदा हो सकते हैं। याददाश्त में कमी आन, सिर दर्द करना जैसी विभिन्न बीमारियां की संभावना बनी रहती हैं।
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सेहत अच्छी हो इसलिए लोग फलों का सेवन करते हैं। डॉक्टर भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए फलों के सेवन की सलाह देते हैं। लोग भी फल बाजार से खरीदकर खा रहे हैं। कई विक्रेताओं द्वारा फलों को कार्बाइड और केमिकल से पकाते हैं। (CG Bhilai News) केमिकल से पके फल स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालते हैं। विभाग भी ऐसे फल विक्रेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करता।