New Scheme: उच्च शिक्षा विभाग ने मांगी जानकारी
उच्च शिक्षा विभाग ने अच्छा काम करने वाले स्टाफ और कॉलेजों की जानकारियां मांगी है। विभाग ने कहा है कि प्रत्येक कॉलेज 6 जनवरी तक जानकारी क्षेत्रीय अपर संचालक तक पहुंचाएंगे। इसके बाद अपर संचालक तमाम दस्तावेजों को क्लब कर जानकारी 13 अगस्त तक उच्च शिक्षा विभाग के सुपुर्द करेंगे। चयन प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होगी। पहले चरण में संभाग स्तर पर बनी समिति आवेदनों की छानबीन कर दूसरे चरण के लिए राज्य समिति को भेजेगी। संभाग स्तरीय समिति आवेदन स्कूटनी कर अंकों की मेरिट लिस्ट बनाएगी। इसी लिस्ट के आधार पर राज्य समिति कॉलेजों व स्टाफ का नाम फाइनल चयन करेगी। इसलिए की गई विभाग से पहल
New Scheme: यह पुरस्कार केवल शासकीय महाविद्यालयों और राजकीय विश्वविद्यालयों के लिए होगा। छत्तीसगढ़ शासन ने पहली बार इस उत्कृष्टता पुरस्कार योजना की शुरुआत की है। विभाग ने इसके पीछे का मकसद बताते हुए कहा है कि, उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों के कार्य को परखने और उनके बेहतर कार्य को प्रोत्साहित करने की कोई योजना नहीं है। ऐसे में अधिकारी, कर्मचारी हतोत्साहित हो जाते हैं कार्य क्षमता में गिरावट आती है। पर आने लगती है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग उन्हें मोटिवेट करने के लिए इस योजना का आगाज करने जा रहा है।
इस तरह मिलेगा पुरस्कार
उत्कृष्ट पुरस्कारों में विजेताओं को कैश रिवार्ड मिलेगा। इसमें चार महाविद्यालयों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश से 4 सहायक प्राध्यापक और प्राध्यापकों को 21-21 हजार रुपए का कैश प्राइज मिलेगा। ऐसे ही विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक को भी 21 हजार रुपए मिलेंगे। प्रदेश स्तर पर आए आवेदनों की जांच के बाद किसी एक महाविद्यालय के अतिथि व्यायाता को 21 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसी क्रम में क्रीडा अधिकारी और एक लाइब्रेरियन को 11-11 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा। प्रयोगशाला स्टाफ के लिए दो 5-5 हजार रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। आखिरी पुरस्कार कार्यालय सहायक का होगा, जिसमें ईनाम के तौर पर 5 हजार रुपए मिलेंगे।
कौन कर सकेगा आवेदन
इस योजना में सिर्फ वही कॉलेज शामिल होंगे, जिन्हें शुरू हुए 7 साल हो चुका है। इसके अलावा जिन कॉलेजाें के पास नैक का कम से कम बी ग्रेड होगा सिर्फ वहीं आवेदन कर पाएंगे। प्रोफेसर केटेगरी में सिर्फ उन्हें मौका मिलेगा, जिन्हें 5 वर्ष का अनुभव के साथ 10 वर्षों में कम से कम 20 शोध पत्र प्रकाशित किए होंगे। ऐसे ही आर्हताएं सहायक प्राध्यापक, क्रीडाधिकारी, ग्रंथापाल जैसी सभी केटेगरी के लिए अगल-अलग रखी गई है। क्षेत्रीय अपर संचालक, डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि कॉलेज, प्रोफेसर और अन्य स्टाफ कई तरह के उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। मगर उन्हें मोटिवेशन नहीं मिल रहा था। अच्छा कार्य करने वालों को समानित करने विभाग ने यह पहल की है।