किसानों ने बताया कि परसदा में पहले से ही गौठान है। इसे तैयार करने में पालिका प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च भी किया गया है। इसके बाद भी खलिहानों को गौठान निर्माण का हवाला देकर तोड़ा जा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि गौठान निर्माण के लिए कोई भी तोडफ़ोड़ की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
किसानों ने कहा कि शासन एक ओर कब्जे की जमीन पर मालिकाना हक देने की योजना चला रही है। दूसरी ओर कुछ लोगों के इशारे पर पालिका प्रशासन बेदखली अभियान चला रहा है। किसानों ने कहा कि वे शासन की योजना के तहत कब्जे वाली शासकीय जमीन की कीमत देने तैयार है। इसके बाद भी पालिका प्रशासन द्वारा तोडफ़ोड़ की जा रही है।