उनके मित्र रामबाबू शर्मा ने बताया कि भजनलाल शर्मा का जीवन बड़ा सादगी से भरा रहा है। खाने में बाजरे की रोटी, सरसों का साग और गुड़ पसंद था। वह अक्सर इसी तरह का खाना खाते थे। जब हम दोनों पढ़कर आते तो स्कूल से सीधे गुल्ली डंडा खेलने के चले जाते। जंगल में गुल्ली डंडा खेलते रहते। जब कोई हमारे घर पर बता देता तो, हमारे घरवाले हमें ढूंढने के लिए जंगल में आते तो, हम जंगल में छिप जाया करते थे।
सेवा सदन में 2 घंटे तक चलती रही बैठक, शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रिमण्डल पर बात
उन्होंने बताया कि बचपन से कक्षा 12वीं तक उनके साथ पढ़े। साथ में बीएड की। 11वीं और 12वीं हम दोनों ने नदबई कस्बे से की। जहां हमने एक कमरा किराए पर लिया। दोनों एक ही कमरे में रहते थे। हम दोनों में खाना बनाने को लेकर झगड़ा होता था। थोड़ी देर बाद ही सब कुछ ठीक हो जाता था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को फलों में जामुन, सब्जियों में चने की सब्जी, मिठाई में गुलाब जामुन एवं चौबुर्जा की कचौड़ी पसंद है। वे सुबह पांच बजे जागकर घूमने जाते हैं। प्राणायाम करते हैं। उसके बाद स्नान एवं पूजा करने के बाद की घर से निकलते हैं तथा रात को एक बजे से पहले कभी नहीं सोते। आमजन से हमेशा प्रसन्न मुद्रा में मिलते हैं और कभी किसी को ऐसा नहीं लगता की पहली बार मिले हैं।