अस्थियां जाती हैं गंगा-जमुना अपना घर में प्राण त्यागने वाले प्रभुजी का विधि विधान के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाता है। अस्थियां विसर्जन करने के लिए भी यहां पूरी व्यवस्था है। अंतिम संस्कार करने के बाद पहले अस्थियों को गंगाजी ले जाया जाता था, लेकिन कोरोना काल में इन अस्थियों को जमुनाजी ले जाया जा रहा है। खास बात यह है कि श्राद्ध पक्ष में पितृ अमावस्या को सभी को एक साथ तर्पण किया जाता है। पूर्व में सभी का अंतिम संस्कार धर्मानुसार किया जाता था, लेकिन कुछ जगह से सहयोग नहीं मिलने के कारण अब सभी को मुखाग्नि दी जा रही है।
अंतिम इच्छा करते हैं पूरी अपना घर के संस्थापक डॉ. बी.एम. भारद्वाज बताते हैं कि अमूमन प्रभुजी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार कर दिया जाता है, लेकिन यदि कोई प्रभुजी कहकर जाते हैं कि उनका अंतिम संस्कार फलां जगह होना चाहिए तो उनकी इस अच्छा को पूरी किया जाता है। प्रभुजी के बताए गए स्थान पर उनका रीति-रिवाज के अनुसार संस्कार किया जाता है। अन्य संस्कार भी उनकी इच्छा के अनुसार पूरे किए जाते हैं।
अब तक 3232 का हो चुके स्वर्गवासी – 3232 प्रभुजनों का अपना घर में स्वर्गवास हो चुका है अब तक वर्ष 2005 से। – 1996 पुरुष प्रभुजन – 1236 महिला प्रभुजन