देवी चित्रलेखा के भक्तों की तादाद काफी ज्यादा है। उनकी इस उपलब्धि की वजह से ही उनकी तुलना जया किशोरी से की जाती है। उनके सोशल मीडिया पर भी अच्छी खासी फैंन्स फॉलोइंग है। इंटाग्राम पर उनके 2 मिलियन से भी अधिक फॉलोअर्स है। कथावचिका चित्रलेखा मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। उनका जन्म 19 जनवरी 1997 को हुआ है। वह बचपन से ही तेजी थी। पलवल में उनका पैतृक घर है। छोटी उम्र से ही चित्रलेखा ने कथा वाचन शुरू कर दिया था। साथ ही गौ सेवा के लिए 2008 में उन्होंने पलवल में विश्व संकीर्तन यात्रा ट्रस्ट की स्थापना की थी।
वहीं भरतपुर में कथा के दौरान चित्रलेखा ने कहा कि धर्म के नाम पर झगड़ा उचित नहीं है। हम अपने धर्म का ज्यादा आदर करें, क्योंकि यह हमें जीवनशैली सिखाता है। मंदिर तोड़ने या नहीं बनने देने की बात करने वाले न तो धार्मिक हो सकते हैं और न ही भारतीय और सच्चे मानव। सनातन धर्म पर अंगुली उठने के सवाल पर चित्रलेखा ने कहा कि सनातन धर्म को नहीं जानने वाला ही उस पर अंगुली उठा सकता है। बच्चा-बच्चा जानता है कि यह भगवान राम और भगवान कृष्ण का देश है।