उन्होंने कहा कि इतनी भीषण सर्दी में भी किसान रात को सिंचाई कर रहे हैं। पाला जम रहा है। उन्हें दिन में बिजली सप्लाई मिलनी चाहिए। अब यह बिजली विभाग को तय करना है कि किस तरह ऐसा किया जा सकता है। अक्सर देखने को मिला है कि एक लाइनमैन ने दूसरे आदमी को काम पर लगा रखा है। एक-एक प्राइवेट आदमी और रख रखा है। वो जाता है और मोबाइल पर बात कर इतिश्री कर देता है। इस बारे में किसी को पता नहीं है। एईएन, जेईएन, एसई, एक्सईएन को पता ही नहीं है।
अगर पता है तो गंभीर अपराध है। कुछ अधिकारियों को पता भी है। मैं उन्हें स्पष्ट कह भी चुका हूं कि सुधर जाइये, वरना् मुझे भी कोई कदम उठाना पड़ेगा। मंत्री बेढ़म ने अवैध खनन पर चर्चा करते हुए कहा कि पहाड़ी-सीकरी के पहाड़ों में अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाएं। दोनों जिलों में अवैध खनन के क्षेत्रों को चिन्हित कर पुलिस, राजस्व, वन, खनिज एवं परिवहन विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाही करें। उन्होंने आगामी फरवरी माह तक सम्पूर्ण क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर लोकबंधु, एसपी मृदुल कच्छावा, एडीएम रतन कुमार, सचिव यूआइटी कमलराम मीणा, सीईओ जिला परिषद दाताराम आदि थे।
पहले यहां थाने बिकते थे, अब वो बंद…
बैठक के बाद बेढ़म ने कहा कि कहने को तो कांग्रेस की सरकार में डीग जिले में थाने बिकते थे, लेकिन अब वह सब बंद हैं। अधिकारियों की मंशा सरकार के अनुसार होती है। भाजपा सरकार की मंशा के बारे में अधिकारियों को मालूम चल चुका है। डीग व भरतपुर एसपी को हमारी मंशा का मालूम पड़ा है, तब से काम में गति आई है। डीग जिले में स्पेशल टीम गठित की गई है। वहां आरएसी की टुकड़ियां लगाई गई है। संसाधन भी उपलब्ध कराकर पुलिसिंग को मजबूत किया जाएगा।
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अवैध मीट-मछली की दुकानें कराएं बंद
राज्य मंत्री ने शहरी क्षेत्र के कार्यों की समीक्षा करते हुए बिहारी जी मंदिर के रास्ते, रेडक्रॉस सर्किल से केतन गेट तके रास्ते में अवैध रूप से लगाई जा रही मीट एवं मछली की दुकानों को बंद कराने के लिए नगर निगम एवं पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के आसपास अवैध मीट एवं मछली की दुकानें होने से वातावरण प्रदूषित होता है तथा धार्मिक भावनाएं प्रभावित होती हैं।