गिरोह सक्रिय, अस्पताल टरकाने पर सूत्रों का दावा है कि अस्पताल के आसपास निजी सोनोग्राफी सेंटरों का एक गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह को अस्पताल के कुछ लोग भी सहयोग करते हैं। जनाना के सोनोग्राफी सेंटर से महिलाओं को टरका दिया जाता है। ऐसे में मजबूरन उन्हें निजी केन्द्रों पर जाकर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। जनाना अस्पताल में मिले मरीजों ने बताया कि मंगलवार को सोनोग्राफी कक्ष को जल्द ही बंद कर दिया। ऐसे में महिलाएं परेशानी झेलती हुई निजी केन्द्रों पर पहुंची।
टेम्पो का किराया ज्यादा, ऐसे में स्ट्रेचर का सहारा प्रसूताओं ने बताया कि जनाना अस्पताल से बाहर सोनोग्राफी कराने ले जाने के लिए टेम्पो चालक औने-पौने दाम मांगते हैं। बाहर तक छोडऩे के लिए कई बार टेम्पो चालक एवं इ-रिक्शा चालक सौ से डेढ़ सौ रुपए तक मांग लेते हैं। वहीं स्ट्रेचर भी सभी को सहज उपलब्ध नहीं हो पाते। ऐसे में मजबूरन महिलाओं को दर्द के बीच ही पैदल निजी केन्द्रों तक सफर करना पड़ता है, जबकि कई महिलाएं स्ट्रेचर पर ही पीर सहकर निजी केन्द्रों तक जाती हैं।
इससे पहले भी उठ चुके हैं सवाल जनाना अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले यहां खुलेआम रिश्वत लेने के मामले ने तूल पकड़ा था। एक व्यक्ति ने नर्सिंगकर्मियों का रिश्वत लेते हुए फोटो अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया था। इस पर अस्पताल प्रशासन की खूब किरकिरी हुई। इसके बाद सांसद रंजीता कोली ने यहां निरीक्षण किया तो एक व्यक्ति ने खुले रूप से अस्पताल में कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
इनका कहना है अस्पताल समय से दो घंटे पहले सोनोग्राफी बंद करने के विभाग के स्तर पर निर्देश हैं। इसकी वजह यह है कि सोनोग्राफी के बाद रिपोर्ट वगैरह सबमिट करनी होती है। यदि 12 बजे सोनोग्राफी बंद होने की बात है तो इस मामले को दिखवाया जाएगा।
– डॉ. जिज्ञासा शहानी, अधीक्षक आरबीएम अस्पताल भरतपुर