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भरतपुर

मौसम का असर : मई में कूलर, एसी, जूस व आइसक्रीम का बाजार मंदा

चाट-पकौड़ी की हो रही बिक्री, बढ़ रहे मौसमी वायरल के मरीज

भरतपुरMay 04, 2023 / 10:18 pm

Gyan Prakash Sharma

मौसम का असर : मई में कूलर, एसी, जूस व आइसक्रीम का बाजार मंदा

मौसम का असर : मई में कूलर, एसी, जूस व आइसक्रीम का बाजार मंदा

भरतपुर. पश्चिमी विक्षोभ का असर सिर्फ मौसम पर ही नहीं, अपितु बाजार पर भी हो रहा है। यहीं कारण है कि मई की तपती धूप में जब कूलर, एसी, पंखा, आइसक्रीम, मटका व जूस की अच्छी बिक्री होती थी, लेकिन इस बार मई में इनके बजाय खाने में अभी भी लोग चाट पकौड़ी और तीखे व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। बात एसी-कूलर की करें तो लोग सिर्फ पंखे के नीचे भी कंबल ओढक़र सोना पड़ता है।
लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिन में भले ही धूप निकल आती है, लेकिन शाम ढलते-ढलते ठंडी हवा और आंधी-तूफान जैसा मौसम हो जाता है, जिसके कारण रात को सर्दी जैसी महसूस होती है। इस मौसम का असर स्वास्थ्य पर भी पडऩे लगा है, जिसके कारण अस्पतालों में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या भी बढऩे लगे हैं। रोजाना करीब डेढ़ सौ मरीज सिर्फ आरबीएम में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अन्य अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
40 प्रतिशत ही बिके कूलर
कूलर व्यापारी मनीष गर्ग के अनुसार अप्रेल के दूसरे सप्ताह में कुछ कूलरों की बिक्री हुई, लेकिन बाद में ठंडा मौसम होने से बिक्री धीमी हो गई। पिछले चार-पांच दिनों से तो एक भी कूलर नहीं बिका है। पिछले वर्ष की तुलना की जाए तो इस समय तक करीब 40 प्रतिशत ही बिक्री हुई है। आगामी दिनों में बिक्री बढऩे की उम्मीद है।
सीकर के मटके बने पहली पसंद
देशी फ्रीज के नाम प्रसिद्ध मटकी बाजार भी इस समय मौसम के अनुसार ठंडा है। मटका व्यापारी मोनू के अनुसार इन दिनों में रोजाना करीब एक हजार रुपए से ज्यादा बिक्री हो जाती थी, लेकिन अभी दो-चार मटके ही बिक पाते हैं। इनमें भी ज्यादातर सीकर के मटके लोगों की पहली पसंद हैं।
इसी प्रकार आइसक्रीम की बिक्री प्रभावित है। पप्पू सैन के अनुसार मौसम ठंडा होने से ज्यादातर लोग अभी भी आइसक्रीम की बजाय चाट-पकौड़ी का ही लुत्फ उठा रहे हैं। ऐसे गले को शीतल करने वाली आइसक्रीम की बिक्री आधी भी नहीं रह गई है।
खेती के लिए उपयोगी है ये बारिश
अप्रेल-मई में बारिश के कारण खाली पड़े खेतों में नमी हो जाएगी। जिससे गर्मी में खेतों की गहरी जुताई हो जाएगी तो खरपतवार व हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाएंगे। यदि ओले गिरते हैं तो सब्जी की फसल को नुकसान हो सकता है। बारिश से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। ज्वार, मूंग की बुवाई भी की जा सकती है।
-देशराज सिंह, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग भरतपुर संभाग।
एक्सपर्ट व्यू…
मौसम में आए बदलाव के कारण पिछले 10-15 दिनों से वायरल के मरीज बढऩे लगे हैं। खांसी, जुकाम, गले में दर्द व बुखार से पीडि़त करीब 150 मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। ये तो आरबीएम में पहुंच रहे हैं, जबकि अन्य अस्पताल में भी इस प्रकार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस मौसम में एसी-कूलर चलाने या ठंडी चीजे खाने-पीने (जूस, आइसक्रीम) से वायरल के मरीज बढ़ रहे हैं। आमतौर पर वायरल के मरीज सात-आठ दिनों में ठीक हो जाते हैं। इससे बचने के लिए लोगों को ठंडे खान-पान से बचना चाहिए। आगामी दिनों में बारिश हुई तो मच्छरों के चलते मलेरिया के मरीज भी बढ़ सकते हैं।
-डॉ. राजीव भारद्वाज, कनिष्ठ विशेषज्ञ, आरबीएम, भरतपुर।
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