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भरतपुर

गुर्जर आंदोलन को पंचर करने के लिए सरकार ने खेला मीणा कार्ड! ऐसे प्रभावित हो सकता है आंदोलन

गुर्जर आंदोलन को पंचर करने के लिए सरकार ने खेला मीणा कार्ड! ऐसे प्रभावित हो सकता है आंदोलन

भरतपुरMay 09, 2018 / 12:41 pm

rohit sharma

gurjar aandolan

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जयपुर

राजस्थान में 21 मई को होने वाले गुर्जर आंदोलन से पहले सरकार ने इसे तोडऩे की बड़ी प्लानिंग कर ली है। बताया जा रहा है कि पंद्रह मई को होनी वाली बैठक से पहले ही इसे या तो तोड़ दिया जाएगा या फिर आंदोलन को कमजोर कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार मीणा कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए एक मीणा नेता को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। उनको डिवाईड़ एंड रुल पॉलिसी पर काम करने को कहा गया है। संभावना यही है कि आंदोलन जिस तेजी से शुरु करने की तैयारी है उसे उतनी ही तेजी से खत्म या कमजोर कर दिया जाएगा।

मीणा नेता खत्म करेंगे गुर्जर आंदोलन

सरकार की प्लानिंग चुनावी साल में सरकार के पास अब गुर्जर नेताओं के सामने पक्ष रखने के लिए फिलहाल कोई बड़ा वादा नहीं है। गुर्जर नेताओं का भी यही कहना है कि सरकार अपनी हर वार्ता और वादों में विफल रही है। इसे देखते हुए अब फिर से बड़ा आंदोलन करने की तैयारी है। आंदोलन वैसे तो 21 मई से शुरु होना है लेकिन अब इसे पंद्रह मई से ही शुरु माना जा रहा है।
पंद्रह मई को गुर्जर नेता किरोड़ी बैंसला और गुर्जर नेता भरतपुर बयाना के अड्डा गांव में महापंचायत करेंगे। इसके तुरंत बाद आंदोलन शुरू होना तय है। इसकी पुष्टि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने की है।

यह है गुर्जरो की मांग

गुर्जरों की मांग है कि 50 प्रतिशत के अंदर ही ओबीसी आरक्षण का कैटेगराइजेशन किया जाए। गुर्जरों की मांग है कि ओबीसी का कैटेगराइजेशन करके 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

यह काम सौंपा गया है मीणा नेताओं को

बताया जा रहा है कि जिन मीणा नेताओं को आंदोलन को पंचर करने का काम सौंपा गया है उनको कहा गया है कि वे उन गुर्जर नेताआें से बातचीत करें जो सीधे तौर पर कर्नल बैंसला के साथ नहीं हैं और उनको यह भरोसा दिलाएं कि सरकार हर पर स्तर पर उनका पक्ष रखने की तैयारी कर रही है। भरतपुर, धौलपुर, दौसा जिलों में छोटे कस्बों में रहने वाले गुर्जर नेताओं को भी पक्ष में करने के लिए कहा है।

इंटेलीजेंस दे रही पल-पल का फीडबैंक

आरपीएफ अफसरों के साथ सरकार की बैठक जल्द आंदोलन की घोषणा के दिन से ही सरकार ने इंटेलीजेंस की विंग को आंदोलन का जिम्मा सौंप दिया है। इसे देखते हुए इंटेलीजेंस अफसरों ने भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली और गुर्जर बाहुल्य अन्य क्षेत्रों में सादा वर्दी में इंटेलीजेंस की टीम को लगाया है। इनका काम लोकल गुर्जर नेताओं और लोकल पुलिस से इनपुट लेकर विभाग के जरिए सरकार तक भेजने का है। इस बीच आज या कल में सरकार आरपीएफ के अफसरों के साथ ही मीटिंग करने की तैयारी कर रही है।

आईपीएस की लिस्ट अटकी

बताया जा रहा है कि आईपीएस अफसरों की तबादला सूची पहले से ही तैयार है। इसे सरकार आईएएस सूची के बाद ही जारी करने जा रही थी लेकिन इस बीच गुर्जर नेताओं ने फिर से हुंकार भरी है। इसे देखते हुए ही सरकार ने फिलहाल लिस्ट को रोक दिया है। लिस्ट के बारे में अब पुलिस मुख्यालय के अफसर तो क्या गृह मंत्रालय के अधिकारी तब बोलने को तैयार नहीं हैं।

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