जानकारी अनुसार प्रदेश की शान कहे जाने वाले सरकारी राजहसं कलमी बाग का डीपबोर पिछले 15 माह से खराब होने के चलते नर्सरी तो सूख ही चुकी है। इसके साथ ही 84 बीघा भूमि पर हजारों की तादात में फलदार पेड़ भी सूखने लगे हैं। बाग प्रशासन ने उच्चाधिकारियों सहित प्रशासन को डीपबोर दुरूस्त कराने या दूसरा लगवाने का आग्रह कई बार किया। लेकिन उनका लापरवाह रवैया बाग के पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहा है। नर्सरी से प्रदेशभर में विभिन्न प्रकार के फलदार पौधों का भी वितरण किया जाता है। लेकिन अब नर्सरी पूरी तरह से सूख गई है।
ऐसा है भुसावर का राजहंस
भुसावर का सरकारी राजहसं कलमी बाग 84 बीघा में फैला हुआ है। यहां आम की विभिन्न किस्म के 500 पेड़, अमरूद के 500, आंवला के 300, नीबूं के 300 पेड़ और संतरा व मौसमी आदि के सैंकड़ों पेड़ लगे हुए हैं। यहां काला आम अपनी मिठास के लिए देशभर में मशहूर है। लेकिन पानी के अभाव में ये सभी पेड़अब सूखने लगे हैं।
वर्जन-
डीपबोर को ठीक कराने के लिए अपने विभाग सहित भूजल विभाग अलवर को कई बार आग्रह किया है लेकिन 15 माह गुजरने के बाद भी इसे ठीक नहीं कराया गया है। पानी के अभाव में बाग के पेड़-पौधे सूखने लगे हैं। इससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
-इमरत सिंह चौधरी, नर्सरी मैनेजर, राजहंस इकाई कलमी बाग, भुसावर।