ठग बोला… महिला की बातों पर जल्दी विश्वास
नाम न छापने की शर्त पर मेवात के गांवड़ी के एक ठग ने बताया कि पिछले कुछ समय से पुलिस के ऑपरेशन एंटी वायरस व लोगों में आई जागरुकता के कारण धंधा मंदा चल रहा है, लेकिन फिर भी लोग महिलाओं की बातों में जल्दी फंस जाते हैं। इसलिए महिलाओं को गिरोह में शामिल करने का ट्रेंड चल रहा है। हालांकि अभी ऐसी महिलाओं की संख्या कम है, जो कि कस्टमर केयर और अन्य तरीकों से ठगी करती है। महिलाओं का उपयोग फर्जी सिम अन्य प्रदेशों से यहां लाकर बेचने में ही ज्यादा किया जाता है।2000-3000 रुपए प्रतिदिन वेतन
पड़ताल में सामने आया कि ठग गिरोह दिल्ली, आगरा, नोएडा के अलावा अन्य स्थानों से दो से तीन हजार रुपए प्रतिदिन के वेतन पर रखकर भी महिलाओं को ठगी की वारदातों में शामिल करते हैं। इनका प्रयोग ज्यादातर सेक्सटॉर्सन की वारदातों में ही किया जाता है। कुछ समय पहले राजस्थान व हरियाणा के मेवात में ठगी की वारदातों में शामिल 16 महिलाओं को पकड़ा था।महिलाओं की भूमिका कुछ इस तरह
26 मई 2024- असम की महिला मीना मेव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने फर्जी नाम पते वाली 10 हजार से भी अधिक सिम लाकर यहां ठगों को बेच दी थी। वह तीन साल से सिम सप्लाई कर रही थी।दिसंबर 2023- बैंक की फर्जी क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर अधिकारी बनकर 4.79 लाख रुपए ठगने के मामले में पुलिस ने गुजरात के जिला बालसढ़ निवासी अवनी आशीष कुमार पटेल को गिरफ्तार किया था।
7 जून 2024- अलवर पुलिस ने महाराष्ट्र व जोधपुर पुलिस के सहयोग से दो गांवों में दबिश देकर चार महिला ठग आसूबी (30), हन्नी (50), इसताना (20), खुर्शीदन (20) को गिरफ्तार किया था।
ठगों की कमर तोड़ी
ठग ट्रेंड और स्टाइल बदलते रहते हैं। ऑपरेशन एंटी वायरस ने ठगों की कमर तोड़ दी है।- राहुल प्रकाश, आईजी, भरतपुर रेंज