गुड़ की खीर बनाकर छठ मैया को भोग लगाया और व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद अब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है, जो सोमवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद पूर्ण होगा। व्रतियों को अघ्र्य देने के लिए यहां घाट तैयार किया गया, जहां पर रविवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं पर सोमवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।
शहर के सिम्को क्षेत्र स्थित फाटक-३९ के पास घाट तैयार किया गया है, जहां तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। रविवार शाम को घाट पर व्रती और उनके संबंधी पहुंचेंगे और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। पूर्वांचलवासी समिति के सदस्य उमा शंकर तिवारी ने बताया कि शनिवार को खरना मनाया गया। गुड़ की खीर बनाकर छठ मैया को भोग लगाया और व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इसके बाद अब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है, जो सोमवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूर्ण होगा। व्रतियों को अघ्र्य देने के लिए यहां घाट तैयार किया गया, जहां पर रविवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं पर सोमवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अर्घ्य देने के बाद महापर्व पूरा होगा।