उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने छह अक्टूबर के अंक में गुटखा व पान मसाला, ‘सालों से सरकार को फायदा कम और नुकसान होता रहा है ज्यादा‘ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था।
उपायुक्त प्रतिकरावंचन कैलाश मीणा ने बताया कि डीग व कुम्हेर से तीन ट्रकों को पकड़ा गया। इनमें दो ट्रकों में पान मसाला भरा हुआ था। जो कि हरियाणा के विलासपुर से भोपाल और छत्तीसगढ़ के विलासपुर जा रहा था। तीसरे ट्रक में पान मसाला व सुपारी भरी हुई थी। वह ट्रक हरियाणा के पलवल से धौलपुर, अछनेरा आदि स्थानों पर सप्लाई देने जा रहा था। जबकि कुम्हेर से एक परचून के सामान से भरा ट्रक बगैर ई-वेल बिल पकड़ा गया है। इन चारों वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। इनसे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जा रही है। इसका आंकलन किया जा रहा है इसके अलावा जिलेभर में टैक्स चोरी रोकने के लिए विशेष निगरानी पर अधिकारी-कर्मचारियों को लगाया गया है।
मुनाफाखोरी के साथ चलता है टैक्स चोरी का खेल
शहर समेत जिलेभर में पान मसाला और अन्य सामानों पर टैक्स चोरी का खेल मुनाफाखोरी के साथ चलता है, क्योंकि खुद खरीदार कम रेट में माल लेना चाहता है तो टैक्स चोरी का पूरा खेल खेला जाता है। बताते हैं कि अगर इस मामले में लगातार व सक्रियता के साथ कार्रवाई की जाए तो सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। जबकि शहर में गुटखा उत्पादों पर प्रतिबंध लगने के बाद भी विक्रय पर कोई पाबंदी नहीं है। मतलब अब इस कार्रवाई के बाद साफ हो चुका है कि पान मसाला व गुटखा निर्माताओं की ओर से बेखौफ होकर जिले में माल सप्लाई किया जा रहा है। रात के अंधेरे में भी यह माल गोदामों में उतारने की बात विभाग के प्रसंज्ञान में आई है।