scriptअंधविश्वास में बेरहम हुई दादी, पोते को लोहे की गर्म सलाख से दागा | Grandmother pricked grandson with an iron bar | Patrika News
बेतुल

अंधविश्वास में बेरहम हुई दादी, पोते को लोहे की गर्म सलाख से दागा

अंधविश्वास के कारण एक दादी ने अपने ही पोते पर बेहरमी दिखाई है। दरअसल महज 9 साल का एक बच्चा बाजार से कुछ सामान लाने के दौरान गिर गया था, जिसका उपचार कराने की बजाय उसकी दादी ने घर पर ही लोहे की सलाख को गर्म किया और उसे जगह जगह से दाग दिया.

बेतुलOct 24, 2021 / 10:25 am

Subodh Tripathi

अंधविश्वास में बेरहम हुई दादी, पोते को लोहे की गर्म सलाख से दागा

,,अंधविश्वास में बेरहम हुई दादी, पोते को लोहे की गर्म सलाख से दागा

बैतूल. जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जिसमें दादी ने अपने ही पोते का उपचार कराने की जगह उसे असहनीय दर्द दे दिया है, इस बात का खुलासा तब हुआ, जब बच्चे ही हालत बिगडऩे लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

गिरने से हुआ था फ्रैक्चर, गर्म सलाख से दिया दाग


मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में अंधविश्वास के कारण एक दादी ने अपने ही पोते पर बेहरमी दिखाई है। दरअसल महज 9 साल का एक बच्चा बाजार से कुछ सामान लाने के दौरान गिर गया था, जिससे उसके कंधे और पसलियों में चोट आ गई थी, जिसका उपचार कराने की बजाय उसकी दादी ने घर पर ही लोहे की सलाख को गर्म किया और उसे जगह जगह से दाग दिया, गर्म सलाखों का यह दर्द निश्चित ही काफी असहनीय होता है, यह सुनकर ही लोगों की रूह कांप जाती है, लेकिन इस बेरहम दादी ने मासूम का उपचार कराने की जगह उसे और दर्द दिया, जिसका नतिजा यह निकला कि वह ठीक होने की जगह इंफेक्शन का शिकार हो गया, फिलहाल अस्पताल में बालक का उपचार चल रहा है और पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।

बच्चे को आने लगा बुखार


जानकारी के अनुसार बैतूल जिले के भीमपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गांव खैरा में रामोती बारस्कर नामक आंगनवाड़ी सहायिका है, कुछ दिन पहले उसका बेटा आयुष किराने का कुछ सामन लेने गया था, इसी दौरान गिरने से उसके कंधे और पसलियों में चोट आ गई थी। चूंकि गांव से अस्पताल काफी दूर है ऐसे में आवाजाही करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता है, इस कारण आयुष की दादी ने खुद ही लोहे के सरिए को गर्म कर कई जगह पर दाग दिया, उसकी दादी ने सरिए तो तब तक गर्म किया, जब तक की वह लाल न हो जाए, इसके बाद आयुष के कंधे, हाथ और पसलियों पर जगह जगह दाग दिया, जिसके निशान भी साफ नजर आ रहे हैं, इसके बाद जब उसकी हालत में कुछ सुधार होने की जगह बिगाड़ हुआ तो उसकी मां अपने बच्चे को लेकर भीमपुर गई, जहां से उसे जिला चिकित्सालय रेफर किया गया, यहां पर पुलिस तक मामला पहुंचा और कार्रवाई शुरू हो गई।

प्राचीन काल से दागने की प्रथा


आदिवासी क्षेत्रों में यह अंधविश्वास प्राचीन समय से चला आ रहा है कि छोटी मोटी चोट, बीमारियों, पेट दर्द, लकवा आदि की समस्या पर दागने से कुछ राहत मिलती है, इसी के चलते आज भी छोटे मोटे कई गांवों में लोहे के सरिए या अन्य कोई सलाख को गर्म कर दागा जाता है, दागने के लिए हासिए का उपयोग भी अधिक करते हैं, क्योंकि इसमें एक साइड लकड़ी का हत्था होता है, जो पकडऩे में भी गर्म नहीं लगता है, ऐसे में इस बच्चे को भी हासिएं से ही दागा गया है।
आप भी खा रहें है रिफाइंड से तैयार मावा-ऐसे होती है चुटकियों में पहचान

जख्म के कारण फैला इंफेक्शन
बच्चे के शरीर में फ्रैक्चर हुआ है, जिसका एक्सरे करने पर पता चला है, इसी के साथ सरिए से दागने के कारण जगह जगह जख्म होने से संक्रमण भी फैल चुका है, इस कारण बच्चे को बुखार आ रहा है, इस मामले में एमएलसी करवाई जा रही है।
-डॉ संगम मांडवे, जिला चिकित्सालय बैतूल

Hindi News / Betul / अंधविश्वास में बेरहम हुई दादी, पोते को लोहे की गर्म सलाख से दागा

ट्रेंडिंग वीडियो