आपको बता दें कि, बैतूल की रहने वाली शीतल लहरपुरे ने सरस्वती शिशु विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय आठनेर से अपनी स्कूली पढ़ाई की है। शीतल के पिता का नाम लखन लहरपुरे हैं जो आठनेर के रहने वाले हैं और यहीं उनकी हार्डवेयर की दुकान है। उसने प्राथमिक माध्यमिक एवं हाई स्कूल तक की शिक्षा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर आठनेर में हिंदी माध्यम से की थी। शीतल ने पिछले साल भारत सरकार के उपक्रम ईसीआईएल में टेक्निकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत रहते हुए ISRO बेंगलुरु में वैज्ञानिक अभियंता एसी इलेक्ट्रॉनिक्स के पद पर अप्लाई किया था।
यह भी पढ़ें- परीक्षा से पहले 12वीं की छात्रा ने नदी के पुल से लगाई छलांग, गंभीर हालत में इंदौर रेफर
देश सेवा का लक्ष्य लेकर ISRO में रखा कदम
शीतल के पिता लखन का कहना है कि, वो बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही है और उसे बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का जुनून था। उसकी मेहनत रंग लाई और आज उसका सपना पूरा हो गया। लखन के अनुसार, वो आईएएस की भी तैयारी कर रही थी, लेकिन यूपीएससी में 5 अंकों की कमी की वजह से वो उसमें सफल नहीं हो सकी। इसके अलावा शीतल का कहना है कि, उसने भोपाल के संस्थान से बीटेक करने के बाद ISRO जाने का निर्णय लिया था, जिसमें वो सफल भी हो गई। यहां से वो देश सेवा करने की इच्छा रखती है।
कार ने बाइक को मारी ऐसी टक्कर, हवा में उड़ते हुए 60 फीट दूर गिरा युवक, देखें Live Video