CG News: चार विकासखंड में 102 सहकारी समिति
जिले के चारों विकासखंड के 17 सहकारी बैकों के मताहत 102 सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा है। इन समितियों में 5 से लेकर 8 कर्मचारी अलग-अलग वेतन पर काम कर रहे हैं, जिसमें समिति प्रंबंधक, उपसमिति प्रबंधक, लिपिक, ऑपरेटर व देैनिक वेतनभोगी कर्मचारी शामिल हैं। जिले की समितियों को प्रत्येक माह औसतन एक लाख से अधिक का व्यय कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करना पड़ रहा है। CG News: इसके अलावा भी अन्य व्यय का भार समितियों पर है। वेतन देने व अन्य खर्चों के लिए 102 समितियां पूरी तरह से धानखरीदी के दौरान दिए जाने वाले कमीशन पर निर्भर हैं। जिले में धान खरीदी बंद हुए महीनों बीत चुके हैं, जिसके बाद समितियों द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया मोटा धान सरना व पतला धान केंद्र द्वारा मिलर व संग्रहण केंद्र को जारी किए गए धान का मिलान कर लिया गया है।
खाद, बीज व कमीशन पर टीका समितियों का संचालन
सूत्रों के अनुसार जिला सहकारीे केन्द्रीय बैक मर्यादित दुर्ग के मताहत जिला में बेमेतरा, जेवरा, बालसमुंद्र, नवागढ़, नांदघाट, दाढ़ी, मारो, संबलपुर, बेरला, साजा, देवकर, परपोड़ी, थानखम्हरिया, ठेलका, भिभौरी, देवरबीजा, खंडसरा, केहका व खर्रा शाखा के तहत 102 सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा है। समितियों के पास आय के तौर पर किसानों को दिए जाने वाले खाद व बीज बिक्री से प्राप्त आय व धान खरीदी के एवज में प्राप्त होने वाला कमीशन ही आय का स्त्रोत है। बता दें कि लगभग 93 करोड़ का कमीशन का भुगतान नहीं हुआ है। कमीशन मिलने में होेने वाले लेटलतीफी का असर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता है। कमीशन जारी नहीं होेने की वजह से समितियां अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है।