जिला सहकारी बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक आर्थिक अनियमितता के ये मामले वर्ष 2016 से वर्ष 2023 के बीच के हैं। इन गड़बडिय़ों को अलग-अलग तरह से अंजाम दिया गया है।
गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद इन मामलो में अलग-अलग विभागीय जांच कराई गई है। जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होने पर संबंधित कर्मी को प्रत्यक्ष पक्ष रखने का मौका भी दिया गया है। इसमें अधिकतर मामलों में कर्मचारियों ने गड़बड़ी करना स्वीकार भी किया।
इसके बाद
कर्मचारियों को गड़बड़ी की राशि समायोजन का अवसर भी दिया गया, लेकिन कर्मचारियों ने यह राशि जमा नहीं कराई। इसके बाद ये सभी मामले में 20 दिसंबर को स्टॉफ उप समिति में रखे गए। इसमें सभी मामलों पर अलग-अलग विचार कर सभी के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई का फैसला किया गया। कर्मचारियों को बैंक कर्मचारी सेवा नियम 57(एक)(द) के तहत सेवा मुक्त किया गया है।
लंबी अनुपस्थिति के कारण दो भृत्यों की सेवा समाप्त
कामेंद्र कुमार वर्मा भृत्य शाखा पाटन, 212 दिन बिना सूचना के ड्यूटी में अनुपस्थित। नारायण यादव शाखा दुर्ग, 10 जून 24 से अब तक अनुपस्थित। पूर्व में 128 और 67 दिन लगातार अनुपस्थित। इन कर्मचारियों पर गड़बड़ी के आरोप व उनसे वसूली योग्य राशि
शेष नारायण टोंड्रे समिति प्रबंधक नवागढ़, हटहाडाडू और अंधियारखोर समिति में पदस्थ रहने के दौरान 1 करोड़ 77 लाख 47 हजार 278 रुपए की गड़बड़ी की।
श्याम सुंदर कश्यप समिति प्रबंधक मारो के समिति मारो और गुंजेरा में 92 लाख 90 हजार 903 रुपए की आर्थिक अनियमितिता। रामजी खांडे शाखा प्रबंधक नवागढ़, बालसमुंद से सबद्ध समिति संबलपुर में पदस्थ रहने के दौरान, 9 लाख 92 हजार 961 रुपए की गड़बड़ी।
डेरहाराम जोशी समिति प्रबंधक नवागढ़ से संबद्ध समिति रनबोड़ और प्रतापपुर में 25 लाख रुपए की धांधली। हीराधर मैत्री पर्यवेक्षक देवकर, शाखा थानखहरिया के खैरझिटी में 87 लाख 63 हजार 843 रुपए की आर्थिक अनियमितता।
दीनबंधु पटेल पर्यवेक्षक, साजा और थानखहरिया से संबद्ध समिति साजा और हाटरांका में पदस्थी के दौरान 48 लाख 71 हजार 22 रुपए की अनियमितता। सतीश यादव पर्यवेक्षक देवरबीजा, समिति साजा और केवतरा में पदस्थी के दौरान 18 लाख 26 हजार 929 रुपए की गड़बड़ी।
राजाराम वर्मा लिपिक, शाखा नवागढ़ में पदस्थापना के दौरान चेक क्लीयरिंग नहीं होने के बाद भी भुगतान कर 5 लाख 68 हजार 513 रुपए और मारो में पदस्थी के दौरान 18 लाख 85 हजार 903 रुपए की गड़बड़ी।
कल्याण सिंह ध्रुवे लिपिक बालोद में पदस्थी के दौरान अमानत में खयानत का मामला, राशि 2 लाख 64 हजार 200 रुपए (राशि जमा)
पहली बार ऐसी सत कार्रवाई
बैंक के कर्मचारी यूनियन से जुड़े नेताओं के मुताबिक जिला सहकारी बैंक में आर्थिक अनियमितता के कई मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन पहली बार ऐसी सत कार्रवाई हुई है। आम तौर पर ऐसे मामले में समायोजन अथवा निलंबन जैसे कार्रवाई किए जाते रहे हैं, लेकिन जिले में पहली बार एक साथ 11 कर्मियों को सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की गई है। गड़बड़ी के अधिकतर मामले बेमेतरा जिले के हैं।
आदेश के खिलाफ कोर्ट की तैयारी
सेवामुक्ति के आदेश से जहां एक ओर कर्मचारियों में हडकंप जैसी स्थिति है, वहीं बताया जा रहा है कि कर्मचारी आदेश के खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं। आदेश सार्वजनिक होने के बाद सभी बर्खास्त कर्मचारी जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी यूनियन कार्यालय पहुंचे और आगे की रणनीति बनाई। कर्मचारी यूनियन के नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। सभी के खिलाफ आर्थिक अनियमितता के गंभीर मामले थे। विभागीय जांच के बाद संबंधितों को पक्ष रखने का पर्याप्त मौका दिया गया। दस्तावेजों का परीक्षण कराया गया, इसके बाद स्टॉफ समिति की अनुशंसा पर यह कार्रवाई की गई। – श्रीकांत चंद्राकरपूर्व सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग