ब्यावर जिले को लेकर रिव्यू कमेटी के गठन से जिले की सरहदों पर होने वाले काम खटाई में पड़ गए है, जबकि पुरानी सरहद के स्तम्भ अब भी राहगीरों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। सात अगस्त 2023 को ब्यावर जिले का पहला स्थापना दिवस मनाया गया। ब्यावर जिले का स्थापना दिवस आने में महज कुछ दिन का समय बचा है। अब तक जिले की सरहदों पर ब्यावर जिले में प्रवेश के बोर्ड नहीं लग सके हैं। नई सरकार के गठन के बाद नए जिलों को लेकर रिव्यू कमेटी का गठन कर दिया गया। ऐसे में अब रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतजार है। ऐसे में नए जिले के गठन को लेकर चल रही विभागीय स्तर की तैयारियों पर भी असर पड़ा है।
सात जिलों की सरहदों से सटा ब्यावर जिला
नवसृजित
ब्यावर जिले से सात जिलों की सरहदें लगती हैं। इनमें ब्यावर जिले की सीमाएं जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर, केकड़ी, भीलवाडा एवं राजसमंद जिले से जुड़ती है। जिले में ब्यावर, भीम-देवगढ़, मसूदा, आसींद, जैतारण, सोजत विधानसभा के विधायकों का ब्यावर से संबंध हो गया है। जिला बैठकों में यहां के विधायक भी शामिल हो रहे हैं। ब्यावर जिले में अजमेर संसदीय क्षेत्र का मसूदा व बिजयनगर,
पाली संसदीय क्षेत्र की सोजत विधानसभा क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतें शामिल हुई हैं। इसी प्रकार भीलवाडा संसदीय क्षेत्र की बदनोर तहसील ब्यावर में मिली है। इसके चलते बैठकों में राजसमंद, अजमेर, पाली, व भीलवाडा के सांसदों का हस्तक्षेप भी बना है।
रिव्यू के साथ ही सरहदों पर चर्चा शुरू
जिले को लेकर रिव्यू कमेटी का गठन होने के साथ ही सरहदों को लेकर भी मांग का दौर शुरू हो गया है। सोजत विधायक शोभा चौहान ने उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को पत्र लिखा। इसमें नवसृजित ब्यावर जिले में सोजत विधानसभा क्षेत्र की 12 पंचायतों वापस पाली जिले में शामिल करने की मांग की है। इन 12 पंचायतों में रायपुर, लिलाम्बा, कुशालपुरा, निम्बेडा कला, रायपुर कला, देवलीकला, बासिया, मोहरकला, पिपलिया कला, झूंठा, बिराटिया कला व हाजीवास शामिल है। हालांकि अब तक बनी रिव्यू कमेटी की ओर से प्रशासन से किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं ली गई है।