इसमें नए जिलों के सृजन को लेकर पूरे देश में जिन मापदंडों का ध्यान रखा जाता है, उन दस मापदंडों को ध्यान में रखकर जिलेवार रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसको लेकर जिले में जाकर जिला स्तरीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं संगठनों के पदाधिकारियों से भी जानकारी ली गई।
इसके अलावा नवगठित जिलों के संसाधनों को लेकर भी जमीनी हकीकत को जाना है। इन सारे बिन्दुओं का समावेश करते हुए रिपोर्ट मंत्री मंडलीय उप-समिति को सौंपेंगे। पंवार सोमवार को जिला कलक्टर कार्यालय में जिला स्तरीय अधिकारियों से चर्चा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला गठन को लेकर पूरे दस में से दस पेरामीटर को ध्यान में रखा जाता है।
रिपोर्ट मंत्री मंडलीय उपसमिति को सौंपी जाएगी
उन्होंने कहा कि जमीन, राजस्व व प्रशासन को लेकर वैदिक काल से लेकर अब तक का आंकलन किया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने विस्तृत जानकारी दी। सारे तथ्य उपलब्ध करवाए हैं। इन सारे तथ्यों को ध्यान में रखकर रिपोर्ट बनाकर मंत्री मंडलीय उपसमिति को सौंप दी जाएगी। ब्यावर के बाद मंगलवार को जोधपुर, बालोतरा, सांचोर व फलौदी जाकर फीडबैक लेंगे।
गौरतलब है कि
राजस्थान सरकार ने हाई लेवल कमेटी का गठन गत एक जुलाई को किया। इस कमेटी को 31 अगस्त तक का समय दिया गया है। नवगठित जिलों को लेकर अस्सी प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। शेष काम एक दो दिन में पूरा कर तीस अगस्त को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।