Navel Oiling Benefits: नाभि में डालें ये 5 तरह के तेल, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया बीमारी रहेंगी कोसो दूर
Navel Oiling Benefits: अक्सर बड़े लोगों को कहते सुनने होंगे कि नाभि को साफ-सुथरा रखना और तेल डालना चाहिए। आज हम आपको 5 असरदार तेल बताएंगे जिनके कई लाभ हैं।
Navel Oiling Benefits: Put these 5 types of oil in the navel, will keep the disease away
Navel Oiling Benefits: नाभि (Naval) हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों से जुड़ी होती है, जिसे स्वास्थ्य रखना बेहद जरूरी होता है। रोजाना नाभि में ऑइलिंग करने से त्वचा की नमी बनी रहती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। इसलिए कुछ खास तेलों के बारे में बताया गया है, जिन्हें नाभि में डालने से आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
यहां है पांच असरदार तेल के नाम (Here are the names of five effective oils)
नारियल का तेल (Coconut Oil): नारियल का तेल फायदेमंद है बालों के साथ-साथ अपनी स्किन और होंठों को हाइड्रेट रखने के लिए। इससे स्किन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने में मदद मिलती है।
तिल का तेल (Sesame Oil): कई लोग जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्या से परेशान रहते हैं। तिल का तेल इस समस्या में मदद कर सकता है। सरसों का तेल (Mustard oil): सरसों का तेल पाचन शक्ति को बढ़ाता है और एसिडिटी की समस्या को ठीक करता है। यह तेल डाइजेस्टिव जूस को भी बेहतर करने में मदद करता है।
कैस्टर ऑयल (Castor Oil): कब्ज की समस्या है तो आपको कैस्टर ऑयल नाभि में जरूर डालना चाहिए। इसमें नैचुरल लेक्सटिव होते हैं। नीम का तेल (Neem oil): अगर आपको एक्ने की समस्या है तो नाभि में नीम का तेल जरूर डालें। नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जिससे स्किन भी हेल्दी रहती है और इंफेक्शन से बचने में मदद मिलती है।
नाभि में तेल डालने के फायदे (Benefits of pouring oil into the navel)
नाभि में तेल डालने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। यह ब्लोटिंग से बचाने, इम्युनिटी बूस्ट करने, स्ट्रेस कम करने, नींद अच्छी होने और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।