गर्म मिट्टी : मिट्टी की लुगदी बनाकर एक घंटा गर्म करके पट्टी बनाकर शरीर पर लगाया जाता है। इससे शरीर की जकड़न, सूजन, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
ठंडी मिट्टी : मिट्टी में ठंडा पानी मिलाकर 6-8 घंटे फूलने के लिए रख दें। इस मिट्टी की पट्टी बनाकर लगाने से पेट की जलन, अल्सर, एसिडिटी में राहत मिलती है।
सर्वांग मिट्टी लेप : पानी में भिगी मिट्टी को लेपन योग्य तरल करके सिर से तलवों तक मिट्टी का सर्वांग लेप होता है, इससे उच्च रक्तचाप और चर्म रोगों से लाभ मिलता है।
मिट्टी चिकित्सा में काली भुरभुरी मिट्टी (कुम्हार जिससे बर्तन बनाते हैं) उपयुक्त होती है। इसमें थोड़ी सी बालू मिलाई जाती है। मिट्टी जमीन से तीन से चार फुट नीचे से ली जानी चाहिए।
तैलीय त्वचा वाले लोग मिट्टी में नींबू का रस मिला सकते हैं।
मिट्टी में नीम की छाल का उपयोग करने से फोड़े-फुंसी और चर्म रोग में लाभ होता है।
दही व शहद मिट्टी में मिलाने से बालों की कंडिशनिंग करें।
मुल्तानी मिट्टी के साथ चंदन पाउडर व गुलाब जल लगाने से चेहरे पर चमक आती है।